Facts About Jaguars: जैगुआर दुनिया की सबसे खूबसूरत और रहस्यमयी तीसरी सबसे बड़ी बिल्लियों की प्रजाती में से एक है. हालांकि, इसके बारे में लोग कम ही जानकारी रखते हैं.
Facts About Jaguars: जैगुआर मांसाहारी जानवर है जो ज्यादातर उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका में पाया जाता है. सिंह और बाघ के बाद जैगुआर बिल्लियों की तीसरी सबसे बड़ी प्रजाती है. साथ ही ये पृथ्वी के पश्चिमी गोलार्ध का पहला सबसे बड़ा जानवर है. ऐसे में जानते हैं जैगुआर के बारे में कुछ रोचक फैक्ट्स.
काटने की मजबूत क्षमता है
जैगुआर का शरीर मोटा और भारी होता है. साथ ही इनके दांत बेहद मजबूत होते हैं और सिर बड़ा होता है. इनके शरीर की बनावट अन्य बिल्लियों की तुलना में ज्यादा बड़ी होती है. 9 अलग-अलग बिल्लियों की प्रजातियों के काटने की शक्ति की तुलना में जैगुआर की काटने की शक्ति बाघ के मुकाबले तीन-चौथाई ज्यादा होती है. जगुआर का जबड़ा अपने शिकार की खोपड़ी को सीधे काट सकता है. यहां तक कि मोटी त्वचा को भी आसानी से भेद सकता है.
पानी से लगाव
जैगुआर को भीगने में कोई परेशानी नहीं होती. कहने का मलतब ये है कि उन्हें पानी से प्यार होता है और वे बहुत अच्छे तैराक होते हैं. जगुआर को जीवित रहने के लिए घने जंगल और शिकार की आवश्यकता होती है. ये कभी-कभी दलदली क्षेत्रों, घास के मैदानों और यहां तक कि सूखे झाड़ीदार जंगलों में भी पाए जाते हैं.
अकेले होते हैं जैगुआर
जैगुआर अपनी जमीन पर अकेले ही घूमते हैं. ये अपने इलाके को चिह्नित करते हैं ताकि दूसरे जैगुआर इनके इलाके की पहचान कर सकें. मादा जैगुआर अपने बच्चों को अकेले ही पालती है, और युवा जैगुआर लगभग दो साल की उम्र में खुद ही शिकार करना शुरू कर देते हैं.
शिकार का तरीका
जैगुआर शांति पसंद करते हैं, जो दिन और रात दोनों समय में आसानी से शिकार कर लेते हैं. साल 2010 के एक अध्ययन में बताया गया कि जैगुआर की 70 प्रतिशत गतिविधि रात में ही होती है, जबकि वेनेजुएला में ये आकंड़ा 40 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक है.
जैगुआर का मंदिर
आपको बता दें कि मध्य अमेरिका के ग्वाटेमाला देश में जैगुआर का मंदिर भी है. मेसो अमेरिकन के इस देश में स्वदेशी समुदायों में जैगुआर सबसे पूजनीय जानवरों में से एक है. मेसो अमेरिकन सभ्यता में जैगुआर देवता वहां के लोगों और धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है. ये समुदाय जैगुआर को शक्ति और ताकत के प्रतीक के रूप में देखता है.
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