10 FEB 2024
यूपी विधानसभा में शनिवार को ‘लिफ्ट और एस्केलेटर विधेयक, 2024’ ‘उत्तर प्रदेश लोक आयुक्त और उप लोक आयुक्त विधेयक, 2024’ पारित हो गया। इसमें कहा गया कि अब लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। दूसरे विधेयक में लोक आयुक्त और उप लोक आयुक्त का कार्यकाल 8 साल से घटाकर 5 साल का प्रावधान किया गया है। अधिकतम आयु 70 साल कर दी गई है। हालांकि सपा सदस्य डॉ. आर.के. वर्मा ने अधिकतम आयु 60 साल किए जाने पर जोर दिया।
मंत्रियों ने रखा सदन में प्रस्ताव
मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने यूपी लिफ्ट और एस्केलेटर विधेयक, 2024 और मंत्री सुरेश खन्ना ने यूपी लोक आयुक्त और उप लोक आयुक्त विधेयक का प्रस्ताव सदन में रखा। जिसके समर्थन में बहुमत होने से अध्यक्ष सतीश महाना ने दोनों विधेयकों के पारित किए जाने की घोषणा की। इसके पहले राज्य के मुख्य विपक्षी दल सपा के सदस्यों ने दोनों विधेयकों की खामियां गिनाते हुए इसे प्रवर समिति को सौंपे जाने का प्रस्ताव रखा, लेकिन दोनों प्रस्ताव गिर गए।
लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए पंजीकरण अनिवार्य – मंत्री
यूपी लिफ्ट और एस्केलेटर विधेयक, 2024 विधेयक के बारे में ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि नोएडा में एक घटना के बाद विधायक धीरेन्द्र सिंह और पंकज सिंह ने ये मांग की थी कि लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए कानून बनाया जाए। सदस्यों को बधाई देते हुए शर्मा ने कहा कि विधेयक में ये प्रावधान किया गया है कि, सार्वजनिक रूप से लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इसमें हादसा होने पर तत्काल सूचना देने और बीमा और मुआवजा का भी प्रावधान किया गया है। हर साल इसकी जांच करानी होगी और इसके लिए 1500 रुपये शुल्क जमा करना पड़ेगा। मरम्मत नहीं कराने और मानक की अनदेखी करने पर भी संबंधित मालिक या संस्था पर जुर्माना लगाया जाएगा।
बीजेपी सदस्यों ने सीएम योगी का जताया आभार
शर्मा ने विधेयक को समय की मांग बताते हुए ये भी कहा कि महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल और हरियाणा आदि राज्यों में लिफ्ट लगाने के लिए अपना कानून है, लेकिन यूपी में अभी इसके लिए कोई प्रावधान नहीं था। उन्होंने कहा कि इसके लागू होने से न केवल हादसों पर विराम लगेगा बल्कि व्यवस्था भी मजबूत होगी। साथ ही बीजेपी के सदस्य धीरेन्द्र सिंह ने विधेयक लाए जाने पर सीएम योगी और ऊर्जा मंत्री शर्मा के प्रति सदन में आभार जताया
विपक्ष ने विधेयक में निकाली खामियां
वहीं, सपा के सदस्य डॉ. आरके वर्मा, अमिताभ वाजपेयी और कमाल अख्तर ने इसमें खामियां गिनाई। अमिताभ वाजपेयी ने कहा कि इसमें ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि, बीमा कौन देगा, मुआवजा कौन देगा और लिफ्ट से अब तक हुए हादसों का आंकड़ा नहीं दिया गया है। उनकी शिकायत थी कि ये जल्दबाजी में तैयार किया गया है। दोनों विधेयकों के पारित होने के बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर इसका स्वागत किया।