प्रयागराज में हर साल माघ मास में मेला आयोजित किया जाता है जिसकी शुरूआत 15 जनवरी यानी मकर संक्रांति से हो चुकी है। माघ मास में गंगा स्नान का खास महत्व है इसलिए इस दौरान प्रयागराज में गंगा स्नान के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। धार्मिक मान्यतानुसार, माघ मास में संगम तट पर स्नान करने से व्यक्ति पाप मुक्त हो जाता है जिससे उसके सारे कष्टों का अंत होता है। वहीं पद्म पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति त्रिवेणी संगम स्नान करता है, उसे मोक्ष प्राप्ति होती है। प्रयागराज में तीन पवित्र नदियों- ‘गंगा’, ‘यमुना’ और ‘सरस्वती’ का संगम होता है इसलिए इस स्थल को त्रिवेणी के नाम से जाना जाता है। हालांकि, यहां स्नान करना हमेशा फलदायी होता है, लेकिन माघ मेले में संगम तट पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
माघ मेले की शुरूआत
माघ मेला इस साल 15 जनवरी से शुरू हो चुका है। सनातन धर्म में माघ मेले का खास महत्व है। हर साल मकर संक्रांति के शुभ अवसर से माघ मेले का आरंभ होता है जिसका समापन महाशिवरात्रि स्नान के बाद होता है।
माघ मेला स्नान की तिथियां
मकर संक्रांति 15 जनवरी – पहला स्नान
पौष पूर्णिमा 25 जनवरी से कल्पवास का आरंभ – दूसरा स्नान
मौनी अमावस्या 9 फरवरी – तीसरा स्नान
14 फरवरी बसंत पंचमी – चौथा स्नान
24 फरवरी माघ पूर्णिमा – पांचवा स्नान
महाशिवरात्रि 8 मार्च – छठा और आखिरी स्नान
क्या करना चाहिए क्या नहीं?
- इस पूरे माह श्रीहरि विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण का विधि-विधान से पूजन करें।
- इन दिनों मधुराष्टक और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- भूलकर भी शराब, मांसाहार जैसा तामसिक भोजन ग्रहण न करें।
- इन दिनों साइबेरियन पक्षियों का दर्शन करना बेहद शुभ माना जाता है।
- पवित्र नदी में स्नान के बाद अक्षय वट के दर्शन जरूर करें।
- माघ माह में ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें।
- माघ मास में तुलसी पूजन और गीता पाठ अवश्य करें।