13 Feb 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि अगर हम अपने मूल स्वभाव की तरफ जाएं, तो आज विश्व में परेशानियों के हल मिल सकते हैं। साथ ही आध्यात्मिकता के रास्ते पर चलते हुए आधुनिक विकास को अपनाया जाना चाहिए। गुजरात में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि आज ज्यादातर लोग संपत्ति पाने की ऐसी दौड़ में लगे हैं, जिसका कोई अच्छा अंत नहीं हो सकता। बता दें वलसाड जिले में जैन धर्म से जुड़े आध्यात्मिक केंद्र श्रीमद राजचंद्र मिशन धरमपुर में राष्ट्रपति ने शिरकत की थी।
आध्यात्मिक संपत्ति को धीरे-धीरे भूलते जा रहे लोग
राष्ट्रपति ने कहा वो भूल गए हैं कि उन्हें जीवन क्या चाहिए। हम अपनी आध्यात्मिक संपत्ति को धीरे-धीरे भूलते जा रहे हैं। हमें याद रखना चाहिए कि कमाई के साथ-साथ मानसिक शांति, समभाव, संयम और पुण्य भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को सिखाया है कि एक व्यक्ति को दूसरे से अलग करना संकीर्णता का प्रतीक है।