Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक बार फिर खोदाई के दौरान नए-नए खुलासे हो रहे हैं. अब वहां पर 150 साल पुरानी बावड़ी मिली है.
Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले से आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इस बीच चंदौसी के लक्ष्मण गंज इलाके में खोदाई के दौरान लगभग 150 साल पुरानी और 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली एक बावड़ी का पता चला है. जानकारी की मानें तो बावड़ी 250 फीट गहरी है. तीन मंजिला बावड़ी के किनारे 4 कमरे भी मिले हैं. चंदौसी के रहने वाले कौशल किशोर ने जिलाधिकारी कार्यालय को प्राचीन बावड़ी के बारे में जानकारी दी थी और पास के बांके बिहारी मंदिर की जर्जर हालत के बारे में भी बताया था.
मंदिर में मिली मूर्तियां
अधिकारियों ने बताया कि यह बावड़ी लगभग 150 साल पुरानी मानी जा रही है. जांच के दौरान दो मूर्तियां भी मिली हैं, जिन्हें सुरक्षित रख लिया गया है. अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि मंदिर की मरम्मत के लिए कदम उठाया जाएंगा. इसके साथ ही आसपास के अतिक्रमण को हटाने के लिए भी कहा है. दो दिन पहले आयोजित एक जनसभा के दौरान चंदौसी के रहने वाले कौशल किशोर ने जिला कार्यालय को प्राचीन बावड़ी के बारे में जानकारी दी थी.
कब बनी यह बावड़ी?
स्थानीय लोगों की मानें तो इस बावड़ी को बिलारी के राजा के नाना के शासनकाल में बनवाया गया था. बावड़ी की पहली मंजिल ईटों जबकि दूसरी और तीसरी मंजिल संगमरमर से बनाया गया था. इसपर बात करते हुए अधिकारियों ने बताया है कि यह जगह पहले सरकारी रिकॉर्ड में तालाब के तौर पर दर्ज थी.
स्थानीय निवासी ने दिया बयान
इस मुद्दे पर बात करते हुए स्थानीय निवासी कौशल किशोर ने कहा कि यह हमारी प्राचीन धरोहर हैं. हमारी ऐतिहासिक धरोहर यहां मौजूद है. इसे कुछ लोगों ने मिट्टी से दबाकर कर पार्क का रूप दे रखा है. साल 1857 में रानी सुरेंद्र बाली यहां रियासत थी. वहीं, मोहम्मद यासिर ने कहा कि मैं बचपन में यहां आता था. यहां कुछ नहीं कुआं ही था. अंदर जा कर मैंने देखा है जालियां थी लगी थी.
निरीक्षक ने दी जानकारी
इस मामले पर मीडिया से बातचीत के दौरान नगर निरीक्षक प्रियंका सिंह ने कहा कि जब से हमें पता चला है यहां पर बावड़ी है तब से उसकी खोदाई चल रही है. उन्होंने आगे कहा कि अभी तो एक ही पोर्शन दिखाई दे रहा है अभी देखते हैं कितने पोर्शन है. लगातार काम चल रहा है. कल शाम से यहां खोदाई चालू है.
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