16 Febryary 2024
टीएमसी के नेता और उसके समर्थकों के ग्रामीणों पर किए गए कथित अत्याचार को लेकर संदेशखाली में विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी बीच बीजेपी की केंद्रीय टीम और कांग्रेस डेलिगेशन संदेशखाली के दौरे पर हैं। हालांकि स्थिति खराब होने की आशंका के चलते यहां राजनीतिक दलों के दौरे रोकने के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। साथ ही पुलिस लगातार इलाके में सर्चिंग भी कर रही है
बीजेपी डेलिगेशन को पुलिस ने रोका
संदेशखाली में पिछले कुछ दिनों से हो रही हिंसा के बीच बीजेपी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने पार्टी सांसदों की छह सदस्यीय समिति का गठन किया। इस डेलिगेशन में बीजेपी के छह सांसद शामिल हैं। जो आज उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली का दौरा करने के लिए रवाना हुए। लेकिन डेलिगेशन को वहा जाने की पुलिस ने परमिशन नहीं दी। जिस पर बीजेपी डेलिगेशन में शामिल सांसद प्रतिमा भौमिक ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने बीजेपी के केंद्रीय दल को संदेशखाली का दौरा करने से रोका इसलिए बीजेपी की टीम रामपुर में धरने पर बैठी। उन्होंने बताया कि हमने पुलिस से बीजेपी के 6 में से 4 सांसदों को संदेशखाली जाने की इजाज़त देने को कहा, लेकिन इजाजत नहीं दी गई।
बीजेपी सांसदों का कहना है कि पुलिस ने संदेशखाली में लागू धारा 144 का हवाला देते हुए केंद्रीय दल को संदेशखाली जाने की अनुमति नहीं दी। जिसके बाद केंद्रीय दल अब कोलकाता में राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात करेगा।
कांग्रेस नेता का ममता सरकार पर वार
लोकसभा में कांग्रेस के नेता और पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी भी आज संदेशखाली का दौरा करने जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हे संदेशखालि जाने के से रोका। जिस पर गुस्साएं चौधरी ने कहा कि विपक्षी दलों के सदस्यों को संदेशखालि जाने से क्यों रोका जा रहा है। बंगाल सरकार संदेशखालि में क्या छिपाने की कोशिश कर रही है आपको बता दें कि चौधरी को वहां प्रदर्शनकारियों से बातचीत करनी थी।
बीजेपी और कांग्रेस डेलिगेशन के दौरों को देखते हुए टीएमसी का बयान सामने आया है जिसमें कहा गया कि ऐसी राजनीतिक यात्राएं हालात को खराब करने के मकसद से की जाती हैं। टीएमसी के नेता कुणाल घोष ने दावा किया है कि बीजेपी को उत्तर प्रदेश में टीमें भेजनी चाहिए। जहां महिलाओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर अपराध होते हैं। कांग्रेस बंगाल में बीजेपी की बी-टीम है।
मायावती ने हिंसा पर चिंता जताई
बसपा प्रमुख मायावती ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिला उत्पीड़न को लेकर जारी तनाव और हिंसा पर चिंता जताई है। मायावती ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करके कहा कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हाल ही में महिला उत्पीड़न की उजागर हुई घटनाओं को लेकर वहां जारी तनाव और हिंसा अति चिन्तनीय है। राज्य सरकार इस मामले में निष्पक्ष होकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे जिससे आगे ऐसी घटनाएं फिर से ना हो सकें।
सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव में हुई हिंसा मामले में सीबीआई या एसआईटी से जांच कराने को लेकर एक जनहित याचिका लगाई गई थी। जिस पर SC ने विचार करने पर सहमति जताई है। जनहित याचिका को सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के सामने तुरंत लिस्टेड करने का अनुरोध किया गया था।
याचिका में क्या ?
एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव ने पर्सनल तरीके से ये याचिका दायर की है। जिसमें संदेशखाली हिंसा पीड़ितों के लिए मुआवजे और पश्चिम बंगाल पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है। याचिका में जांच और उसके बाद के मुकदमे को पश्चिम बंगाल से बाहर ट्रांसफर करने की भी रिक्वेस्ट की गई है। इसके अलावा मणिपुर हिंसा मामले की तरह तीन न्यायाधीशों की समिति द्वारा जांच की अपील की गई है।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के गांव संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। क्षेत्र की कई महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।