18 Feb 2024
वर्षों से महिलाओं के साथ दहेज के नाम पर क्रूर व्यवहार करने और उनको प्रताड़ित करने के कई केस सुनने को मिल रहे हैं। वहीं, प्रचीन रिकोर्ड्स के मुताबिक दक्षिण भारत के त्रावणकोर में वर्षों पहले एक रानी हुआ करती थी। जिन्होंने दहेज प्रथा पर पाबंदी लगाने की पहल की। महारानी गौरी पार्वती बाई ने साल 1823 में ब्राह्मण कम्यूनिटी में महिला से मैरिज करने के लिए अधिक वरदक्षिणा’ की मांग उठाई। फिर 1823 में ‘वरदक्षिणा’ की इस राशि को सीमित करने का ऐलान किया गया। वर्ष 1815 से 1829 की अवधि में त्रावणकोर पर शासन करने वाली रानी गौरी पार्वती बाई द्वारा फैसला लिया गया।
रानी का फरमान
इतिहासकारों की मानें तो, महारानी द्वारा उस समय लिया गया ये फैसला बेहद महत्वपूर्ण था, क्योंकि उन्होंने सामाजिक प्रथा में इंटरफेयर किया था। भले ही उन्होंने दहेज प्रथा पर पूरी तरह से पाबंदी नहीं लगाई, लेकिन देश की महिलाओं के पक्ष में डिसीजन लिया। पिछले कुछ वर्षों से केरल में जिस तरह से दहेज से जुड़ी आत्महत्याओं की घटनाएं बढ़ती हुई नजर आ रही हैं, वहां पुराना शाही फरमान खास महत्व रखता है।
उठाया गया कदम
आज भी 19वीं शताब्दी का महारानी गौरी पार्वती बाई का ये फरमान राज्य अभिलेखागार में मौजूद है जो इस बात की ओर इशारा करता है कि 2 शताब्दी पहले भी महिलाएं इस समस्या से जूझ रही थीं। 19वीं शताब्दी के अपने ऐतिहासिक आदेश में रानी पार्वती बाई ने ब्राह्मण कम्यूनिटी के ‘नंबूथिरी’ और ‘पोट्टी’ वर्गों में महिलाओं की दुर्दशा को उजागर किया था। उन्होंने ये भी आदेश दिया कि कम्यूनिटी की लड़कियों की शादी 10-14 साल की उम्र में हो जानी चाहिए।
दहेज की सजा
रानी के अनुसार, “कम्यूनिटी की बहुत सी फैमिली अपनी लड़कियों की शादी कर पाने में असमर्थ थे क्योंकि दूल्हे हजारों में वरदक्षिणा की मांग करते थे।” उन्होंने आगे कहा, ‘वरदक्षिणा’ के तौर पर 700 से अधिक ‘कलियान फणम’ की मांग करने की सख्त चेतावनी दी। ये फरमान भी जारी किया कि कम्यूनिटी के जो लोग प्रशासन के इस फैसले का उल्लंघन करेंगे उन्हें कानून के तहत दंडित किया जाएगा।
दहेज से जुड़ी घटना
हाल ही की एक घटना सामने आई, जिसमें एक महिला डॉक्टर ने अपने मंगेतर से इसलिए शादी तोड़ दी थी, क्योंकि उसने दहेज के रूप में लक्जरी कार, अधिक सोना और पैसों की डिमांड की थी। इसके बाद महिला ने सुसाइड कर लिया था। जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, बाद में उसको जमानत मिल गई ।