19 February 2024
केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के नेताओं के एक डेलिगेशन ने केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। जिसमें इस क्षेत्र को राज्य का दर्जा देने, दो लोकसभा सीट देने और पूरे क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची के तहत लाने समेत कई मांगों को लेकर चर्चा की गई। लद्दाख में फिलहाल सिर्फ एक लोकसभा क्षेत्र है।
एबीएल और केडीए के 14 सदस्यीय डेलिगेशन ने गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में लद्दाख के लिए गठित एचपीसी से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक बैठक में लद्दाख के डेलिगेशन की मांगों पर चर्चा हुई। लद्दाख में कोई विधानसभा क्षेत्र नहीं है और पहले यह जम्मू-कश्मीर राज्य का हिस्सा था। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को पांच अगस्त, 2019 को खत्म कर दिया गया था और तत्कालीन राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया था।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर को विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश और लद्दाख को बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा में लद्दाख से चार प्रतिनिधि थे। जिसके बाद केंद्र ने पिछले साल दिसंबर में लद्दाख के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया था कि वह केंद्रशासित प्रदेश के तेजी से विकास और क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कमिटेड हैं। ये आश्वासन लद्दाख के लिए गठित हाई पावर्ड कमेटी के साथ हुई बैठक में दिया गया। गृह मंत्रालय ने नित्यानंद राय की अध्यक्षता में लद्दाख के लिए एचपीसी का गठन किया है। जिसका उद्देश्य क्षेत्र की ज्योग्राफिकल सिचुएशन और रणनीतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र के यूनिक कल्चर और भाषा की रक्षा के लिए आवश्यक उपायों पर चर्चा करना है।