20 February 2024
हिंदू धर्म में भगवान की कृपा प्राप्ति और उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई तरह से पूजन-अर्चन किया जाता है। कोई व्यक्ति भगवान से प्रार्थना पूजन के दौरान घंटी बजाकर करता है तो, कोई शंख बजाकर। पुराने समय से ही शंख को धार्मिक और मांगलिक कार्यों में शामिल किया जाता रहा है। शंख को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है इसलिए पूजा के दौरान शंख बजाने से धन की देवी मां लक्ष्मी और जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु बेहद प्रसन्न होते हैं। हिंदू शास्त्रों के मुताबिक शंख बजाने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। साथ ही कई अन्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। जानते हैं शंख बजाने के फायदे…
शंख के फायदे
- पूजा के दौरान शंख बजाने से आसपास के वातावरण में शुद्धता आती है।
- शंख से निकलने वाली आवाज व्यक्ति को पूजा-पाठ के लिए प्रेरित करती है।
- मान्यतानुसार शंख का पूजन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- पूजा के दौरान शंख बजाने से व्यक्ति के मन में पोजिटिव एनर्जी और विचार पैदा होते हैं।
- शंख मां देवी का प्रतीक है। मान्यतानुसार धन की देवी मां लक्ष्मी शंख में निवास करती हैं।
- धार्मिक मान्यता के अनुसार शंख मां लक्ष्मी का भाई बताया जाता है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार शंख बजाने से वहां के वातावरण में मौजूद जीवाणु और कीटाणु का नाश हो जाता है।
- आयुर्वेद की मानें तो, शंख बजाने से पीलिया और पथरी जैसी कई बीमारियां दूर हो जाती हैं।
कब बजाएं शंख
धार्मिक मान्यतानुसार भगवान श्रीहरि शंख की ध्वनि से बेहद प्रसन्न होते हैं। इसलिए भगवान विष्णु के पूजन के दौरान शंख अवश्य बजाएं। ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं।
कब ना बजाएं
धार्मिक मान्यतानुसार भगवान भोलेनाथ के पूजन के दौरान भूलकर भी शंख नहीं बजाना चाहिए। इससे भोले रुष्ट हो सकते हैं। वहीं भगवान शंकर डमरू की ध्वनि बेहद पसंद करते हैं।
कहां और कैसे रखें?
हिंदू धर्म शास्त्रों में शंख से जुड़े कई नियमों का वर्णन किया गया है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, शंख को मंदिर में भगवान श्रीहरि की मूर्ति के दाईं ओर रखना चाहिए। वहीं अगर आप चाहें तो, घर की उत्तर का पूर्व दिशा में भी शंख को रखा जा सकता है। शंख को हमेशा किसी कपड़े या पात्र के ऊपर ही रखना चाहिए।