20 February 2024
हॉग डियर को नंदनकानन चिड़ियाघर से संबलपुर चिड़ियाघर में ट्रान्सफर किया गया। अधिकारियों के मुताबिक, पशु आदान प्रदान प्रोग्राम के तहत हॉग डियर को ट्रान्सफर किया गया है। हीराकुड वन्यजीव प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी अंशु प्रज्ञान दास के अनुसार, 4 नर और 4 मादा पाड़ा (हॉग डीयर) को संबलपुर चिड़ियाघर में ट्रान्सफर किया गया है। उन्होंने आगे बताया, हॉग डियर के बदले नंदनकानन चिड़ियाघर, संबलपुर चिड़ियाघर से 5 साम्भर लेगा क्योंकि चिड़ियाघर में पर्याप्त साम्भर हैं।
कहां पाए जाते हैं हॉग डियर
अंशु प्रज्ञान दास ने कहा कि संबलपुर चिड़ियाघर में हॉग डियर 1 महीने के लिए क्वारनटीन रहेंगे, जिसके बाद विज़िटर्स उन्हें देख सकेंगे। हॉग डियर ज्यादातर दक्षिण पूर्व एशिया, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में देखे जाते हैं। आम तौर पर इसे इंडोचाइना हॉग डीयर के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, देश में हॉग डियर उत्तर भारत में देखे जाते हैं। इनकी त्वचा का रंग मौसम के साथ बदलता रहता है।
कैसे होते हैं
मेल हॉग डियर के सींग अलग-अलग होते हैं। सुबह और शाम के समय उनकी लंबी सीटी जैसी आवाज सुनाई देती है। यह 20 वर्ष तक ही जिंदा रह पाते हैं। यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 में अनुसूची -3 का जानवर है। पिछले साल दिसंबर में, हीराकुड वन्यजीव प्रभाग के अधिकारी नंदनकानन चिड़ियाघर से 8 काले हिरण लाए थे। इन्हें चिड़ियाघर आने वाले लोग देखना पसंद करते हैं।
कितने प्रकार के जानवर
डीएफओ ने कहा कि वर्तमान में संबलपुर चिड़ियाघर में तेंदुए, भालू, सम्भार, चौसिंगा, काले हिरण, हिरण, अजगर, मोर और कई अन्य पक्षियों सहित 18 प्रकार के जानवर हैं। संबलपुर चिड़ियाघर के नए मास्टर प्लान के अनुसार, आने वाले वर्षों में चिड़ियाघर में 30 अन्य प्रकार के जंगली जानवरों को शामिल किया जाएगा जिनमें बाघ, नीलगाय, जंगली भैंसा, भेड़िया और जंगली कुत्ते शामिल हैं।