National Girl Child Day 2025: राष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लड़कियों के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है.
National Girl Child Day 2025: भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. यह दिन हर साल समाज में लड़कियों के अधिकार, उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है. वर्ष 2008 में पहली बार 25 जनवरी को भारत सरकार ने राष्ट्रीय बालिका दिवस का एलान किया था. आपको जानकर हैरानी होगी कि कई ऐसी लड़कियां हैं जिनको उनके मौलिक अधिकारों के बार में नहीं मालू है. इस आर्टिकल के जरिए आज हम उनके मौलिक अधिकारों के बार में बात करेंगे.
शिक्षा का अधिकार
आरटीई एक्ट, 2009 के अनुसार, 6 से लेकर 16 साल की उम्र वाले बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है. बेटियों को स्कूल भेजना हर माता-पिता की जिम्मेदारी है.
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बेटियों का संपत्ति में अधिकार
यहां बता दें कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत, बेटियों का माता-पिता के की संपत्ति में बराबर का अधिकार मिलता है.
बाल विवाह निषेध
बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत, 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी करना गैरकानूनी है. यह कानून लड़कियों को उनके अधिकारों से वंचित होने से बचाता है.
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लैंगिक भेदभाव से संरक्षण
संविधान का अनुच्छेद 15 (3) और अनुच्छेद 39 (a) के तहत बेटियों को लैंगिक समानता प्रदान करता है और उन्हें किसी भी तरह के भेदभाव से बचाता है.
जन्म का अधिकार
पीसीपीएनडीटी एक्ट, 1994 के तहत, गर्भ में लड़की का लिंग जानना , उसकी पहचान करना या गर्भ में उसे मार देने बहुत बड़ा अपराध है.
यौन शोषण से सुरक्षा
पोक्सो एक्ट, 2012 के तहत, बच्चों को यौन शोषण और उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाया गया है. यहां बता दें कि ये एक्ट बेटियों को विशेष सुरक्षा प्राप्त कराता है.
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हिंसा के खिलाफ कार्रवाई
अगर परिवार का कोई भी सदस्य बच्चे के साथ हिंसक व्यवहार करता है, तो बच्चे के माता-पिता इसकी शिकायत घरेलू हिंसा एक्ट, 2005 के तहत शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
बाल श्रम निषेध
बाल श्रम निषेध और विनियनम अधिकार, 1986 के तहत बेटियों को 14 साल से कम उम्र में कहीं काम पर लगाना गैरकानूनी है.
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फ्री लीगल एड
कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर और पीड़ित बेटियों को मुफ्त में कानूनी सेवा दी जाती हैं.
स्वास्थ्य का अधिकार
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बेटियों को स्वास्थ्य सेवाओं और टीकाकरण का अधिकार दिया गया है.
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