Home National COVID की आड़ में 122 करोड़… चौंकाने वाली है न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक स्कैम की कहानी

COVID की आड़ में 122 करोड़… चौंकाने वाली है न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक स्कैम की कहानी

by Divyansh Sharma
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Maharashtra Co Operative Bank Scam: न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक और लेखा प्रमुख हितेश मेहता को मुंबई पुलिस की EOW ने गिरफ्तार कर लिया.

Maharashtra Co Operative Bank Scam: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में इस वक्त एक बैंक में धोखाधड़ी का मामला तूल पकड़ता ही जा रही है. शनिवार को न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक और लेखा प्रमुख हितेश मेहता को मुंबई पुलिस की EOW यानि आर्थिक अपराध शाखा ने तीन घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. हितेश मेहता को बैंक से 122 करोड़ रुपये की हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

दादर पुलिस थाने दर्ज हुआ केस

EOW के एक अधिकारी ने बताया कि हितेश मेहता को जांच एजेंसी के दक्षिण मुंबई कार्यालय में बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था. इसी दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि हितेश मेहता को रविवार को स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा. बता दें कि एक दिन पहले ही RBI यानि भारतीय रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंक के बोर्ड को एक साल के लिए भंग कर दिया था. साथ ही बैंक से जुड़े कामकाज के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया है.

पुलिस अधिकारी के मुताबिक बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवर्षि घोष ने शुक्रवार को हितेश मेहता और अन्य के खिलाफ मध्य मुंबई के दादर पुलिस थाने में बैंक के धन के कथित दुरुपयोग की शिकायत दर्ज कराई थी. इस पर शनिवार तड़के मामला दर्ज किया गया. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक हितेश मेहता ने सहयोगियों के साथ मिलकर बैंक में धोखाधड़ी करने की साजिश रची था. साथ ही बैंक के प्रभादेवी और गोरेगांव कार्यालयों की तिजोरियों से 122 करोड़ रुपये का गबन किया.

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तिजोरी से 112 करोड़ रुपये का गबन

शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपियों ने COVID-19 महामारी फैलने के तुरंत बाद ही धन की हेराफेरी शुरू कर दी थी. उन्होंने कहा कि आरोपियों ने प्रभादेवी स्थित तिजोरी से धीरे-धीरे 112 करोड़ रुपये का गबन किया और गोरेगांव बैंक शाखा से 10 करोड़ रुपये निकाले थे. बता दें कि हितेश मेहता के इस बैंक का जनरल मैनेजर था और उसी के पास बैंक के अकाउंट्स डिपोर्टमेंट की भी जिम्मेदारी थी. ऐसे में बैंक का पूरा कैश एक तरह से हितेश मेहता के ही अंडर आता था.

पुलिस के मुताबिक हितेश के पास बहुत जिम्मेदारी और ईमानदारी से किया जाने वाला काम था, लेकिन उसने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए 122 करोड़ रुपए का गबन कर लिया. गौरतलब है कि न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक की 28 शाखाएं हैं और उनमें से अधिकांश मुंबई में ही स्थित हैं. वहीं, गुजरात के सूरत में और एक पुणे में दो शाखाएं भी हैं. इस बैंक को साल 1990 में शेड्यूल्ड बैंक का दर्जा दिया गया था. इसके बाद साल 1999 में इस बैंक को बहुराज्यीय बैंक का भी दर्जा प्रदान किया गया.

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