Home RegionalDelhi क्या CAG रिपोर्ट से बढ़ जाएगी केजरीवाल और सिसोदिया की मुश्किलें? जानें क्या है पूरा मामला

क्या CAG रिपोर्ट से बढ़ जाएगी केजरीवाल और सिसोदिया की मुश्किलें? जानें क्या है पूरा मामला

by Divyansh Sharma
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Delhi CAG Report: BJP सरकार ने CAG रिपोर्ट पेश कर पिछली AAP यानि आम आदमी पार्टी की सरकार पर गंभीर आरोप लगा दिए हैं.

Delhi CAG Report: दिल्ली में BJP की नई सरकार बनते ही एक्शन मोड में आ गई है. दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन ही दिल्ली की नई BJP सरकार ने CAG रिपोर्ट पेश कर पिछली AAP यानि आम आदमी पार्टी की सरकार पर गंभीर आरोप लगा दिए हैं. माना जा रहा है कि CAG यानि नियंत्रक एवं मसहालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के सामने आने के बाद AAP अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

PAC को भेजी जाएगी CAG रिपोर्ट

CAG रिपोर्ट के मुताबिक कई तरह की गड़बडियों के साथ दिल्ली के सरकारी खजाने को 2000.68 करोड़ रुपए के नुकसान हुआ है. विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस रिपोर्ट PAC यानि पब्लिक अकाउंट्स कमिटी के पास भेजने की बात कही है. इसके बाद से अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के लिए मुश्किल बढ़ सकती हैं, क्योंकि इससे पहले दोनों AAP नेता इसी शराब घोटाले मामले में जेल जा चुके हैं.

CAG रिपोर्ट पेश होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इस मामले पर अभी विधानसभा में और भी चर्चा होनी है. माना जा रहा है कि इसके लिए PAC सदस्यीय का भी गठन किया जा सकता है. PAC को रिपोर्ट भेजने के बाद दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आबकारी मंत्री रहे मनीष सिसोदिया से पूछताछ भी हो सकती है. पूछताछ के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी और आगे की कार्रवाई के लिए विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को भेजा जाएगा. कमिटी अपनी रिपोर्ट में कार्रवाई की सिफारिश करेगी.

CAG रिपोर्ट में क्या लिखा है?

  • 2002.68 करोड़ के राजस्व का हुआ नुकसान
  • लाइसेंस देने में की गड़बड़ी
  • होल्सेलर मार्जिन 5% से बढ़ाकर 12% किया
  • कोई स्क्रीनिंग नहीं हुई, मनमाने तौर पर बांटे लाइसेंस
  • एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिशों को किया नजरअंदाज
  • पारदर्शिता की कमी, कमजोर जाँच की वजह से शराब कार्टेल का गठन
  • खास ब्रांड को प्रोमोट कर एकाधिकार को बढ़ावा दिया गया
  • कैबिनेट प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया
  • गैर अनुरुप क्षेत्रों में शराब की दुकानें अवैध रुप से खोली गई
  • शराब के मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता का अभाव
  • परीक्षण नियमों का उल्लंघन
  • EIB यानि उत्पाद शुल्क खुफिया ब्यूरो की ओर से तस्करी पर कमजोर प्रवर्तन
  • खराब डेटा प्रबंधन और अवैध शराब व्यापार को बढ़ावा
  • उत्पाद शुल्क नीति का उल्लंघन करने वालों पर निष्क्रियता
  • सुरक्षा लेबलिंग पर ध्यान नहीं दिया गया, नई तकनीकों की जगह पुराने तरीकों का इस्तेमाल हुआ

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आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर शुरू

इस बीच आरोप प्रत्यारोप का भी दौर शुरू हो गया है. AAP नेता आतिशि ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि CAG रिपोर्ट बता रही है कि AAP सरकार की नई शराब नीति में पारदर्शिता थी. इस नीति में कालाबाजारी रोकने और खजाना बढ़ाने के तरीके शामिल थे. उन्होंने दावा किया कि यही पॉलिसी पंजाब में लागू हुई तो पंजाब का आबकारी रेवेन्यू एक साल में ही बढ़ गया.

साथ ही आतिशी ने दावा किया कि CAG Report दिखा रही है कि किस तरह से पुरानी एक्साइज पॉलिसी से सरकार को नुकसान हो रहा था. पुरानी एक्साइज पॉलिसी के कारण उत्तर प्रदेश और हरियाणा से शराब की तस्करी हो रही थी. BJP सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल में शराब की दलाली करने की इतनी ज्यादा इच्छाशक्ति थी कि उन्होंने इतने साल तक CAG की रिपोर्ट छिपा कर रखी थी.

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