Introduction
Australia Won the World Cup Six Times : क्रिकेट की दुनिया में पिछले पांच दशकों में तेजी से विकास हुआ है और इसमें टेस्ट के अलावा दो फॉर्मेट वनडे-T20 को भी जोड़ा गया है. हालांकि क्रिकेट के क्षेत्र में अहम मोड़ तब आया जब 5 जनवरी, 1975 को मेलबर्न में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला एकदिवसीय इंटरनेशनल मैच खेला गया. इसके दो साल बाद इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने 1975 में पहली बार पुरुष एकदिवसीय विश्व कप आयोजित किया. उसके बाद से अब तक इस टूर्नामेंट में 13 संस्करण खेले जा चुके हैं. क्रिकेट की दुनिया में सबसे बड़ी ट्रॉफी को ऑस्ट्रेलिया ने छह बार जीता है, जबकि वेस्टइंडीज और भारत ने दो-दो बार इस ट्रॉफी को अपने नाम किया है. वहीं, पाकिस्तान, श्रीलंका और इंग्लैंड ने इस खिताब पर एक-एक बार अपना कब्जा जमाया है. ऑस्ट्रेलिया का नाम लिए बिना एकदिवसीय विश्व कप थोड़ा अधूरा लगता है. यह एकमात्र ऐसी टीम है जिसका अगर हर एक खिलाड़ी खराब फॉर्म में चल रहा है और आईसीसी का कोई मुकाबला इनके सामने आ जाए तो कंगारू टीम अपनी एड़ी-चोटी का जोर लगा देती है. इसी बीच हम ऑस्ट्रेलिया के विश्व कप जीतने की यात्रा पर एक नजर डाल रहे हैं और इस दौरान जिन खिलाड़ियों ने टीम की कमान संभाली थी जिसके बाद टीम छह बार विश्व कप जीतने में कामयाब हुई थी. साथ ही इन कप्तानों का नाम क्रिकेट जगत में गर्व से लिया जाता है और इस दौरान हम पहली बार विश्व कप जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी करने वाले एलन बॉर्डर से लेकर पैट कमिंस तक के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका रिकॉर्ड काफी शानदार रहा है.
Table of Content
- एलन बॉर्डर
- स्टीव वॉ
- रिकी पोटिंग
- माइकल क्लार्क
- पैट कमिंस
एलन बॉर्डर
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने पहली बार एकदिवसीय विश्व कप 1987 में जीता था और उस वक्त टीम कमान एलन बॉर्डर के बाद में थी. बॉर्डर का जन्म 27 जुलाई, 1955 को हुआ और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 1978 से 1994 तक क्रिकेट खेला था. इस दौरान बॉर्डर ने 156 मैच खेले और इस दौरान उन्होंने 50.56 की औसत से 11,174 रन बनाए. साथ ही उन्होंने 27 शतकीय पारी खेली थी. इसके अलावा बॉर्डर ने 273 वनडे मुकाबले खेले हैं और इस दौरान उन्होंने 6,524 रन बनाए हैं. उन्होंने अपनी कप्तानी में पहली बार ऑस्ट्रेलिया को क्रिकेट विश्व कप जीतवाया था. उन्होंने अपने करियर में कई सारे रिकॉर्ड बनाए जैसे कि सबसे टेस्ट खेलना और उनका यह रिकॉर्ड स्टीव वॉ ने तोड़ा था. इसके अलावा सबसे ज्यादा टेस्ट रन बनाने का रिकॉर्ड ब्रायन लारा, सबसे ज्यादा लगातार टेस्ट खेलने का रिकॉर्ड एलिस्टर कुक और सबसे ज्यादा टेस्ट में कप्तानी का रिकॉर्ड ग्रीम स्मिथ ने तोड़ दिया था. उनके सम्मान में ही भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी खेली जाती है. वहीं, 2002 से ही हर साल ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को दिए जाने वाले अवॉर्ड का नाम भी एलन बॉर्डर मेडल रखा है.

स्टीव वॉ
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दाएं हाथ के बल्लेबाज स्टीव वॉ ने अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट 1984 में खेला था. इसके बाद 1986 को अपना पहली इंटरनेशनल टेस्ट मुकाबला खेला जिसमें उन्होंने अपनी दोनों पारियों में 18 रन बनाए थे. खास बात यह है कि 1987 में ऑस्ट्रेलिया ने जब पहली बार विश्व कप जीता था वह उस वक्त भी टीम का हिस्सा थे. साल 1999 में मार्क टेलर से स्टीव वॉ को कप्तानी मिली थी और उस दौरान एक दिवसीय विश्व कप खेला गया जहां पर उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी खिताब अपने नाम किया और 16 बार लगातार टेस्ट जीतने का रिकॉर्ड भी कायम किया था. बता दें कि स्टीव वॉ ने ऑस्ट्रेलिया के लिए साल 1985 से 2004 तक क्रिकेट खेला है और इस दौरान उन्होंने 168 टेस्ट मुकाबले खेले हैं जहां पर 51.06 की औसत से 32 शतक की मदद से 10,927 रन बनाए. वहीं, वॉ ने 325 वनडे मुकाबले खेले हैं और इस दौरान 32.63 की औसत से 7569 रना बनाए हैं. बता दें कि सन् 2002 में स्टीव वॉ ने कप्तानी छोड़ दी थी और रिकी पोंटिंग को मिल गई थी.
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रिकी पोंटिंग
दुनिया के सबसे कामयाब कप्तानों में से एक रिकी पोंटिंग ऑस्ट्रेलिया को एक नए मुकाम पहुंचाने का काम किया. पोंटिंग ने अपनी कप्तानी से कमाल किया था लेकिन उन्होंने एक बल्लेबाज के रूप में क्रिकेट की दुनिया में खतरनाक बल्लेबाजों की लिस्ट में खुद शामिल किया. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज के टेस्ट क्रिकेट में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी जैक कैलिस के बाद टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक हैं. वहीं, साल 2002 में रिकी पोंटिंग को स्टीव वॉ से कप्तानी मिलने के बाद उन्होंने विश्व कप 2003 में भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की कमान संभाली थी. भारत ने जोहान्सबर्ग में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और इसके बाद पोंटिंग की 140 रनों की पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया बोर्ड पर 2 विकेट के नुकसान पर 359 रन लगाने में कामयाब हुआ. लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने 39.2 ओवर में 234 रनों पर ही सिमट गई. जहां कंगारू टीम ने इस ट्रॉफी को 125 रनों से जीत लिया. वहीं, साल 2007 में वर्ल्ड कप बारबाडोस में खेला गया जहां ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच में भिड़ंत हुईं. इस दौरान डकवर्थ-लुईस मैथड से कंगारूओं ने श्रीलंका को हराकर चौथी बार विश्व कप अपने नाम कर लिया. इसके अलावा रिकी पोंटिंग की कप्तानी में 2006 और 2009 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी. यह अभी तक विश्व रिकॉर्ड बना है कि एक ही प्लेयर की कप्तानी में किसी टीम ने दो बार चैंपियंस ट्रॉफी जीती है.
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माइकल क्लार्क
2 अप्रैल, 1981 को जन्म माइकल क्लार्क ने एक बेहतरीन बल्लेबाज के साथ सफल कप्तान भी रह चुके हैं. क्लार्क ने अपनी कप्तानी में साल 2015 में न्यूजीलैंड को हराकर ऑस्ट्रेलिया को पांचवीं बार ट्रॉफी दिलाने में कामयाब हुए थे. उनको अपनी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माना जाता रहा है. वहीं, माइकल क्लार्स ने 2015 में ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप जीताने के बाद संन्यास का एलान कर दिया था. वहीं, उनके करियर में नजर डाले तो उन्होंने 115 टेस्ट मुकाबले खेले हैं जिनमें 48.83 की औसत से 8643 बनाए हैं और इस दौरान उन्होंने 28 शतकीय पारियां भी खेली हैं. वहीं, क्लार्क ने 245 वनडे मुकाबले खेले हैं जिनमें 44.59 एवरेज से 7981 रन बनाए हैं जिसमें 8 शतकीय पारी भी आई हैं. बता दें कि अपनी कप्तानी में विश्व कप जीतने के बाद माइकल क्लार्क को ऑस्ट्रेलिया सरकार ने ‘आर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया’ से सम्मान किया था. यह एक तरह का सम्मान है जिसको किसी उपलब्धि हासिल करने के बाद दिया जाता है. अवॉर्ड मिलने के बाद क्लार्क ऑस्ट्रेलियाई मीडिया से कहा कि मैं ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगा कि कोई मुझे जून में अप्रैल फूल बना रहा है ऐसा लगा था. मैं इस अवॉर्ड को पाकर बहुत हैरान हूं साथ ही बेहद सम्मानित भी महसूस कर रहा हूं.
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पैट कमिंस
गेंदबाज पैट कमिंस की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में भारतीय टीम को हराकर विश्व कप 2023 जीता था. एक समय ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया तीसरी बार विश्व कप जीतकर लेकर आएगी क्योंकि उस दौरान एक भी मुकाबला किसी टीम से भारत हारा नहीं था. लेकिन फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया बड़ी साझेदारी नहीं होने के बीच 50 ओवर में 240 रन ही बना सका. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की तरफ से ट्रेविस हेड ने पूरा मैच संभाल लिया था और उसने मुकाबले में 120 गेंदों में 137 रन बनाए थे. हालांकि, कम टार्गेट देने के बाद भी टीम इंडिया ने मैच फंसा दिया था लेकिन ट्रैविस हेड ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए न सिर्फ खतरे से ऑस्ट्रेलिया को बाहर निकालने का काम किया बल्कि टीम को छठी बार विश्व कप जीताने में अहम भूमिका निभाई. इस बार ऑस्ट्रेलिया का कप्तान ऑलराउंडर पैट कमिंस को बनाया गया था और यह इतिहास हो गया कि अभी तक ऑस्ट्रेलिया का कप्तान बल्लेबाज रहा है लेकिन इस बार एक गेंदबाज ने पूरी टीम को संभाला बल्कि उस टीम को हरा दिया जो पूरा टूर्नामेंट में एक शानदार लय में चल रही थी.
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Conclusion
एकदिवसीय फॉर्मेट में ऑस्ट्रेलिया दुनिया की नंबर वन टीम है और अगर वह किसी तरह किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच जाता है तो उसे हराना मुश्किल रहता है. ऑस्ट्रेलिया ने दुनिया में ऐसा करके दिखाया है जब-जब वह विश्व कप के फाइनल में गई है तो खिताब अपने नाम जरूर किया है. इसके अलावा विश्व कप जीतने के दौरान टीम कप्तानों ने भी दुनिया में अपना एक मुकाम बनाने का काम किया है. ऑस्ट्रेलिया अभी तक 6 बार इस ट्रॉफी को अपने नाम कर चुका है जबकि दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड एक ट्रॉफी के लिए तरसता रहा है. क्रिकेट फैंस कहते हैं कि पता नहीं ऑस्ट्रेलिया में क्या जादू है वह विश्व कप में अलग ही रूप में रहती है कई दूसरे मुकाबले भले ही उसे हराना थोड़ा आसान रहता हो लेकिन वर्ल्ड कप में किसी टीम को सबसे मुश्किल हराना है तो वह एकमात्र ऑस्ट्रेलिया है. साथ ही टीम ने कई सालों तक आईसीसी एकदिवसीय मुकाबलों की लिस्ट में टॉप पर काबिज रखा है और अगर कोई टीम कुछ दिनों के लिए टॉप आ जाती है तो उसे वह जल्द ही खदेड़कर नीचे कर देती है. वनडे के साथ ऑस्ट्रेलिया टेस्ट में भी काफी शानदार प्रदर्शन करती है हाल ही में दुनिया की नंबर टीम से कई सालों बाद बॉर्डर-गावस्कर टीम से छीनने का काम किया था.
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