Home Latest अजब फरमानः दुकान से सामान लेने पर रोक, गांव में नहीं करेंगे किसी से बात, NHRC ने कलेक्टर से मांगी रिपोर्ट

अजब फरमानः दुकान से सामान लेने पर रोक, गांव में नहीं करेंगे किसी से बात, NHRC ने कलेक्टर से मांगी रिपोर्ट

by Sanjay Kumar Srivastava
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने गांव से एक परिवार को बेघर किए जाने पर सख्त रुख अपनाया है. NHRC ने जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

NEW DELHI: तमिलनाडु के तेनकासी जिले में अजब मामला सामने आया है. गांव के प्रधान ने एक परिवार के खिलाफ फरमान जारी कर दिया कि उसे कोई भी दुकानदार सामान न दे, साथ ही गांव में मिलने वाली सुविधाओं से भी वंचित कर दिया. इसके अलावा किसी व्यक्ति से बात करने पर भी रोक लगा दी गई।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने गांव से एक परिवार को बेघर किए जाने पर सख्त रुख अपनाया है. NHRC ने जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. प्रधान ने फरमान जारी कर पीड़ित परिवारों को स्थानीय दुकानों से सामान खरीदने पर रोक लगा दी, साथ ही अन्य सुविधाओं से भी वंचित कर दिया. इसके अलावा गांव के अन्य निवासियों के साथ बातचीत न करने की सख्त हिदायत भी दी. मामला यह है कि तमिलनाडु के तेनकासी जिले के सांबावरवादकराई कस्बे में दो पक्षों में भूमि विवाद चल रहा था.

बहिष्कार का विरोध करने पर पुलिस ने पीड़ित परिवार को ही कर लिया गिरफ्तार

इसी विवाद में गांव के प्रधान ने एक पक्ष के खिलाफ सामाजिक बहिष्कार का फरमान सुना दिया. मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब पीड़ित पक्ष का साथ देने पर प्रधान ने सात अन्य परिवारों को भी बहिष्कृत करने का फरमान दे दिया. उधर, बहिष्कार का विरोध करने पर पुलिस ने 8 परिवारों के 30 लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जब ये पीड़ित परिवार अपने बहिष्कार के खिलाफ जिला कलेक्टर के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करने गए थे.

मानवाधिकार आयोग ने पाया कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री, यदि सत्य है, तो पीड़ित परिवारों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है. इसलिए इसने तमिलनाडु के तेनकासी के जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. 20 फरवरी को जारी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित परिवारों को स्थानीय दुकानों, अन्य सुविधाओं तक पहुंचने और अन्य निवासियों के साथ संवाद करने से रोक दिया गया था. बताया जाता है कि राजस्व मंडल अधिकारी ने ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय अपने निर्देशों को रद्द करने के लिए उनके साथ शांति वार्ता आयोजित की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

ये भी पढ़ेंः भोपाल में दारोगा के घर से रिश्वत के 5 लाख बरामद, SHO समेत चार पुलिस कर्मियों के खिलाफ FIR, सभी…

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