Home RegionalJharkhand मारा गया लॉरेंस बिश्नोई का दोस्त गैंगस्टर अमन साहू, पुलिस हिरासत से छुड़ाने की कोशिश में हुआ ढेर

मारा गया लॉरेंस बिश्नोई का दोस्त गैंगस्टर अमन साहू, पुलिस हिरासत से छुड़ाने की कोशिश में हुआ ढेर

by Divyansh Sharma
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Aman Sahu, Lawrence Bishnoi, Palamu, Jharkhand,

Gangster Aman Sahu Encounter: झारखंड के पलामू जिले में गैंगस्टर अमन साहू का मंगलवार को पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया गया.

Gangster Aman Sahu Encounter: झारखंड से बहुत बड़ी जानकारी सामने आ रही है. झारखंड के पलामू जिले में गैंगस्टर अमन साहू का मंगलवार को पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया गया. पुलिस की हिरासत से छुड़ाने की कोशिश के दौरान मुठभेड़ में वह मारा गया.

मेदिनीनगर के SDPO यानि अनुमंडल पुलिस अधिकारी मणिभूषण प्रसाद ने अमन साहू के मारे जाने की पुष्टि कर दी है. जानकारी के मुताबिक अमन साहू गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ भी हाथ मिला चुका था. उसे झारखंड और छत्तीसगढ़ का लॉरेंस बिश्नोई भी कहा जाने लगा था. उसके खिलाफ 150 से अधिक मामलों में केस दर्ज है.

अमन साहू गैंग के गुर्गों ने पुलिस पर किया हमला

राज्य के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने बताया कि गोलीबारी मंगलवार सुबह हुई. 150 से अधिक मामलों में आरोपी और कुछ मामलों में दोषी ठहराए गए गैंगस्टर को पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की रायपुर जेल से रांची लाया जा रहा था. इसी दौरान झारखंड के रामगढ़ थाना क्षेत्र के अंधेरीटोला के पास उसे अमन साहू गैंग के गुर्गों ने उस वाहन पर हमला कर दिया, जिसमें उसे लाया जा रहा था.

पुलिस और गैंग के गुर्गों के बीच हुई मुठभेड़ में अमन साहू मारा गया. वहीं एक अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गया.आपराधिक गिरोहों की मदद से उसे अंजाम दिया जाता है. IG ऑपरेशन अमोल होमकर घटनास्थल पर मौजूद हैं. झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता ने एक दिन पहले बताया था कि अमन साहू को रायपुर से रांची लाया जा रहा था.

उसके साथ दो अन्य गैंगस्टर विकास तिवारी और अमन श्रीवास्तव भी जेलों के अंदर से अपना काम चला रहे हैं. DGP अनुराग गुप्ता ने एक दिन पहले ही बताया था कि झारखंड में अधिकांश अपराध की साजिशें जेलों के अंदर रची जाती हैं. इस मामले में सिमडेगा और हजारीबाग जेलों में छापेमारी भी की गई थी.

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झारखंड-छत्तीसगढ़ पुलिस के बन चुका था चुनौती

अमन साहू झारखंड के साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका था. उसके गैंग के गुर्गे कारोबारियों, ट्रांसपोर्टर्स और ठेकेदारों समेत हाई प्रोफाइल लोगों से रंगदारी वसूलते थे. साथ ही उसने कई जगहों पर उसने खुलेआम गोलियां भी चलवाई हैं. हमले को अंजाम देने के बाद गैंग के गुर्गे सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए हमले की जिम्मेदारी भी लेते थे.

अमन साहू को अमन साव के नाम से भी जाना जाता है. वह आपराधिक गिरोहों के अलावा उग्रवादी संगठनों से भी लगातार संपर्क में भी था. छत्तीसगढ़ में रंगदारी के दो मामले में वह साढ़े तीन महीने से रायपुर की जेल में बंद था. झारखंड की तरह ही वह जेल से ही रंगदारी का काम शुरू कर चुका था.

रायपुर के तेलीबांधा इलाके में कुछ समय पहले फायरिंग का मामला सामने आया था. इसी मामले में अमन साहू के साथ लॉरेंस बिश्नोई का भी नाम सामने आया था. इसी के बाद से माना जा रहा था कि अमन साहू ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ भी हाथ मिला चुका है. लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर भी छत्तीसगढ़ और झारखंड में दहशत फैला रहा था.

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