Home International अमेरिका जन्मसिद्ध नागरिकता पर फिर शुरू विवाद! ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट से प्रतिबंध हटाने का किया अनुरोध

अमेरिका जन्मसिद्ध नागरिकता पर फिर शुरू विवाद! ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट से प्रतिबंध हटाने का किया अनुरोध

by Sachin Kumar
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US Birthright Citizenship Donald Trump

US Birthright Citizenship : ट्रंप प्रशासन को इस समय संघीय अदालतों में झटका लगा है. अब उन्होंने जन्मसिद्ध नागरिकता को लेकर सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि वह इस अवरुद्ध को खत्म कर दें.

US Birthright Citizenship : अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि जन्मसिद्ध नागरिकता पर लगे आंशिक रूप से प्रतिबंध को हटा दिया जाए. इसके अलावा गुरुवार को उच्च न्यायालय में दायर इमरजेंसी आवेदनों को ट्रंप प्रशासन ने मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स और वाशिंगटन न्यायालयों के आदेशों को कम करने के लिए कहा. राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से लिए गए इस फैसले पर पूरे देश में रोक लगा दी गई है. तीन संघीय अदालतों ने प्रशासन की याचिकाओं को खारिज कर दिया है जिसमें से एक मैसाचुसेट्स की अदालत भी शामिल है और उसने मंगलवार को जन्मसिद्ध नागरिकता पर रोक लगा दी.

आर्टिकल 14 का हो सकता है हनन

जन्मसिद्ध नागरिकता का कानून प्रभाव में आ जाता है तो यह उन लोगों को देश में नागरिकता देने से मना कर देगा जिनके माता-पिता अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं. इसके अलावा ट्रंप प्रशासन की तरफ से दिया गया कार्यकारी आदेश अमेरिकी एजेंसियों को ऐसे बच्चों के लिए नागरिकता को मान्यता देने वाले किसी भी दस्तावेज को जारी करने या किसी भी राज्य के दस्तावेज को स्वीकार करने से भी रोकता है. फिलहाल करीब दो दर्ज से ज्यादा राज्यों ने इस मामले में कई ग्रुप ने कार्यकारी आदेश के खिलाफ मुकदमा दायर किया है और उन्होंने कहना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में पैदा हुए किसी व्यक्ति को नागरिकता नहीं देना संविधान के 14वें संशोधन का उल्लंघन है.

सार्वभौमिक रूप से नागरिकता नहीं दी जाती

वहीं, अमेरिका के न्याय विभाग ने तर्क दिया किया कि व्यक्ति न्यायाधीशों के पास अपने फैसलों को राष्ट्रव्यापी प्रभाव देने की शक्ति नहीं है. इसके साथ ही प्रशासन चाहता है कि न्यायाधीश डोनाल्ड ट्रंप की योजना को उन मुट्ठी भर लोगों और ग्रुप को छोड़कर सभी के लिए लागू होने दें जिन्होंने मुकदमा दायर किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्यों के पास कार्यकारी आदेश को चुनौती देने का कानूनी अधिकार या स्थिति नहीं है. दूसरी तरफ कार्यवाहक सॉलिसिटर जनरल सारा हैरिस ने अपनी फाइलिंग में तर्क दिया कि ट्रम्प का आदेश संवैधानिक है क्योंकि 14वें संशोधन के नागरिकता खंड को ठीक से पढ़ा जाए तो संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में पैदा हुए सभी लोगों को सार्वभौमिक रूप से नागरिकता नहीं दी जाती है.

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