Retail inflation : खुदरा महंगाई में इतनी दर बढ़ने से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 6 फीसदी के संतोषजनक आंकड़े के ऊपर निकल गई है. पिछले साल इसी महीने में CPI आधारित मुद्रस्फीति 4.87 प्रतिशत थी.
12 November, 2024
Retail inflation : भारत की खुदरा महंगाई दर अक्टूबर महीने में सालाना आधार पर बढ़कर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई है, यह दर पिछले महीने सितंबर में 5.49 फीसदी पर थी. खाने-पीने वाली वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होने की वजह से महंगाई अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. खुदरा महंगाई में इतनी दर बढ़ने से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 6 फीसदी के संतोषजनक आंकड़े के ऊपर निकल गई है. पिछले वर्ष इस महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रस्फीति 4.87 प्रतिशत थी. खुदरा महंगाई में अपने उच्चतम स्तर पहुंचने से इसने अपने 14 महीने का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है.
ब्याज कटौती में RBI करेगा कंजूसी!
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 10.87 प्रतिशत हो गई जो सितंबर में 9.24 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने में 6.61 प्रतिशत थी. पिछले साल अगस्त के बाद यह पहला मौका है जब खुदरा महंगाई आरबीआई के टॉलरेंस बैंड के ऊपर चली गई है. केंद्र सरकार ने केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी सौंपी है. ऐसे में आरबीआई की तरफ से ब्याज में कटौती करना थोड़ा मुश्किल हो गया है.
14 महीने के रिकॉर्ड स्तर पहुंची महंगाई
NSO ने कहा कि अक्टूबर 2024 में अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित वार्षिक मुद्रास्फीति दर 6.21 फीसदी है. वहीं, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लिए मुद्रास्फीति दर 6.68 प्रतिशत और 5.62 फीसदी है. आंकड़ों की जानकारी के अनुसार, अक्टूबर 2024 में दालों, चीनी, अंडे और मसालों के कुछ उपसमूह में मुद्रास्फीति में गिरावट दर्ज की गई है. वहीं, फलों, सब्जियों और तेल कीमतों में भारतीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं, ICRA की मुख्य इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा कि सीपीआई मुद्रास्फीति अक्टूबर 2024 में बढ़कर 14 महीने के रिकॉर्ड स्तर पहुंच गई है.
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