National Real Estate Council: इंडियन रियल एस्टेट मार्केट का वैल्यूएशन मौजूदा वक्त में 250 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 तक 700 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के बनने से रियल एस्टेट सेक्टर के विकास में मदद मिल रही है.
15 May, 2024
इंडस्ट्री बॉडी पीएचडीसीसीआई (PHDCCI) की ओर से बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में नेशनल रियल एस्टेट काउंसिल के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा कि 2023 में भारत में लगभग 7 लाख यूनिट बेची गईं. जिनमें से 53 परसेंट की कीमत 50 लाख रुपये से कम थी. उन्होंने आगे कहा कि करंट मार्केट वैल्यू 250 बिलियन डॉलर है, ये हर साल 16 से 18 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा और 2030 तक ये करीब 700 से 750 बिलियन डॉलर हो जाएगा और 2050 तक हमारी जीडीपी 15 प्रतिशत पर होगी.
National Real Estate Council: 2030 तक ट्रिलियन की इंडस्ट्री बन सकती AGR
रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी अध्यक्ष आनंद कुमार का कहना है कि जहां तक रोजगार का सवाल है ये दूसरी सबसे बड़ी इंडस्ट्री है. मुझे उम्मीद है कि ये करीब 18.7 प्रतिशत एजीआर (AGR) की दर से बढ़ने वाला है और 2030 तक ये एक ट्रिलियन की इंडस्ट्री बन सकती है. वहीं रियल एस्टेट सेक्टर रोजगार के मामले में भारत में कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है. इस इंडस्ट्री में करीब 7 करोड़ से ज्यादा लोग काम करते हैं.
National Real Estate Council: रियल एस्टेट सेक्टर को मिल रही है विकास में मदद
जानकारों का कहना है कि रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के बनने से रियल एस्टेट सेक्टर के विकास में मदद मिल रही है. देशभर में पिछले 8 सालों में 1 लाख 23 हजार से ज्यादा प्रोजेक्ट और 82 हजार से ज्यादा रियल एस्टेट ब्रोकर्स, रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के तहत रजिस्टर्ड हुए हैं. अनुमान के मुताबिक डेवलपर्स और ब्रोकर्स समेत रियल एस्टेट इंडस्ट्री में काम करने वाले करीब 75 प्रतिशत लोगों ने अभी तक रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के साथ रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है.
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