Bengal Terror Network: पश्चिम बंगाल पुलिस के STF ने बांग्लादेशी आतंकी संगठन के साथ संबंध रखने के आरोप में एक कंप्यूटर साइंस स्टूडेंट को गिरफ्तार किया है.
23 June, 2024
Bengal Terror Network: पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष कार्य बल (STF) ने बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठन के साथ संबंधों को लेकर पश्चिम बर्धमान जिले के पानागढ़ इलाके से एक कॉलेज में पढ़ने वाले कंप्यूटर साइंस के छात्र को गिरफ्तार किया है. बंगाल पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि युवक कंप्यूटर साइंस के सेकेंड इयर का छात्र है. पुलिस के मुताबिक छात्र का संबंध बांग्लादेश के प्रतिबंधित इस्लामी संगठन ‘शहादत-ए-अल हिकमा’ के साथ है.
छात्र के साथ 5 और भी गिरफ्तार
बंगाल एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि युवक से पूछताछ के दौरान जो इनपुट मिले, उसके आधार पर STF के अधिकारियों ने पश्चिम बर्धमान जिले के नबाबघाट इलाके से 5 अन्य लोगों की गिरफ्तारी की है. गिरफ्तार व्यक्तियों में युवक का भाई भी शामिल है.
आतंकी संगठन में कर रहा था भर्ती
STF अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार छात्र बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन ‘शहादत-ए-अल हिकमा’ के लिए पश्चिम और पूर्व बर्धमान जिलों से युवाओं को भर्ती करने की कोशिश कर रहा था. हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कौन-कौन लोग उसके संपर्क में थे.
छात्र का सामान किया गया जब्त
STF ने मामले में कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार छात्र का लैपटॉप, डायरी और कुछ दूसरे दस्तावेज जब्त कर लिए हैं. पुलिस यह पता लगाने में जुटी हुई है कि छात्र कितने दिनों से इस्लामी संगठन ‘शहादत-ए-अल हिकमा’ के संपर्क में था. पुलिस ये भी जांच कर रही है कि छात्र के साथ कितने लोग जुड़े हुए थे और ये किस तरीके से युवाओं की भर्ती आतंकी संगठन में कर रहे थे.
बांग्लादेश का आतंकी संगठन है शहादत-ए-अल-हिकमा
शहादत-ए-अल-हिक्मा की स्थापना 8 फरवरी 2003 को कट्टरपंथी कवसर हुसैन सिद्दीकी ने की थी. माना जाता है कि इसे दाऊद इब्राहिम से फंडिंग मिलती है. हुसैन सिद्दीकी ये एलान कर चुका है कि वो बांग्लादेश में इस्लामिक स्टेट की स्थापना के लिए सशस्त्र संघर्ष छेड़ेगा. सिद्दीकी ये दावा भी करता है कि उसके संगठन में 35 हज़ार ‘कमांडो’ और ‘लड़ाके’ हैं. बांग्लादेश पुलिस ने सिद्दीकी को 9 नवंबर 2005 को ही गिरफ्तार कर लिया था. इससे दो साल पहले ही इस आतंकी संगठन को बैन कर दिया गया था. लेकिन बर्धमान से हुई गिरफ्तारी बताती है कि आतंकी संगठन अब भी स्लीपर सेल के जरिए एक्टिव है.