14 दिसंबर 2023
दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा चूक मामले में यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया है। संसद मार्ग पुलिस थाने में यूएपीए की धारा 16 और 18 साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, धारा 452, धारा 153, धारा 186, धारा 353 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि यूएपीए के तहत अपराध गैर-जमानती हैं।
वहीं संसद की सुरक्षा चूक मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों सागर, मनोरंजन, अमोल और नीलम को दिल्ली की एक अदालत ने को सात दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजा दिया है। वहीं अदालत में पुलिस की ओर से पेश वकीलों ने चारों आरोपियों पर आतंकवाद का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने भय पैदा करने की कोशिश की। दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाना एक सुनियोजित हमला है।
पुलिस के मुताबिक इस घटना की योजना छह लोगों ने मिलकर बनाई थी और ये चारों लोग उसी समूह का हिस्सा हैं। पुलिस अभी मुख्य साजिशकर्ता की तलाश कर रही है। पुलिस के मुताबिक सभी आरोपी चार सालों से एक-दूसरे को जानते थे और कुछ दिन पहले ही उन्होंने संसद में घुसने की योजना बनाई थी।
आरोपी सोशल मीडिया मंच के जरिये भी आपस में संपर्क में थे और बुधवार को संसद आने से पहले उन्होंने रेकी की थी। पूछताछ में अमोल ने जांचकर्ताओं को बताया कि वे किसान आंदोलन, मणिपुर संकट और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से नाराज थे और इसीलिए उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया।
13 दिसंबर 2023 को आरोपियों ने दिया था घटना को अंजाम
आपको बता दें कि 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की 22वीं बरसी के दिन बुधवार को सुरक्षा में चूक की एक बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा में सागर शर्मा और मनोरंजन डी नाम के दो शख्स सदन के भीतर कूद गएष इस दौरान उन्होंने नारेबाजी की और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। बाद में कुछ सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। जबकि उसी वक्त दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम ने संसद परिसर के बाहर ‘केन’ से रंगीन धुआं छोड़ा और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाए।
आरोपियों पर लगी धाराओं की विस्तृत जानकारी
यूएपीए की धारा 16-आतंकवादी घटना को अंजाम देने के लिए दंड का प्रावधान है।
यूएपीए की धारा 18-साजिश आदि के लिए दंड की प्रावधान है।
आईपीसी की धारा 120बी- आपराधिक साजिश
धारा 452-अवैध प्रवेश
धारा 153- दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना
धारा 186- लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा पहुंचाना
धारा 353- लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल का इस्तेमाल करना या हमला करना
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