Manusmriti Controversy : दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ फैकल्टी में मनुस्मृति अध्याय को जोड़ने वाले विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुलपति ने ऐसी किसी भी योजना का समर्थन नहीं किया.
12 July, 2024
Manusmriti Controversy : दिल्ली यूनिवर्सिटी (University of Delhi) के लॉ कोर्सेज में मनुस्मृति को पढ़ाने को लेकर हुए विवाद के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) का शुक्रवार को बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में लॉ कोर्सेज में मनुस्मृति (Manusmriti) को शामिल करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है और ऐसी किसी योजना का समर्थन नहीं किया है. प्रधान ने आगे कहा कि जब उनको इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने सबसे पहले डीयू के कुलपति से फोन पर बात की.
डीयू ने प्रस्ताव को किया खारिज
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे पास कुछ जानकारी आई कि ‘मनुस्मृति’ लॉ फैकल्टी के पाठ्यक्रम का हिस्सा होगी. मैंने यूनिवर्सिटी के कुलपति से बात की और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि विधि संकाय सदस्यों ने ‘न्यायशास्त्र अध्याय’ में कुछ बदलावों का प्रस्ताव दिया है, लेकिन जब डीयू प्रशासन के पास आया तो एकेडमिक काउंसिल (Academic Council) की बैठक से पहले ही प्रस्ताव को खारिज कर दिया.
‘संविधान पर हमला, दशकों पुराना सपना’
धर्मेंद्र ने कहा कि सरकार संविधान की सच्ची भावना को कायम रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध और किसी भी स्क्रिप्ट के किसी भी विवादास्पद हिस्से को शामिल करने का कोई सवाल ही नहीं है. कांग्रेस ने गुरुवार को यूनिवर्सिटी के एलएलबी छात्रों को मनुस्मृति पढ़ाने के प्रस्ताव को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की रणनीति का हिस्सा है, ताकि RSS द्वारा भारतीय संविधान पर हमले करने का दशकों पर पुराने प्रयास को सफल किया जा सके.
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