Free Education: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ऐसा स्कूल मौजूद है, जहां बच्चों को फ्री में पढ़ाया जाता है. यहां पर जो परिवार पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं उनके बच्चों को फ्री में शिक्षा दी जाती है. यहां पर गरीब फैमिली के 45 बच्चे मुफ्त में पढ़ाई करते हैं.
21 May, 2024
Humanity Identity NGO: मध्य प्रदेश के इंदौर में की इस क्लास में ऐसे बच्चे पढ़ने का अपना सपना पूरा कर रहे हैं जिनके परिवार पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं. यहां गरीब परिवारों के 45 बच्चे फ्री पढ़ाई करते हैं. इन बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा ‘मानवता की पहचान’ एनजीओ ने उठाया है. एनजीओ से जुड़े लोगों के मुताबिक पढ़ाई-लिखाई से ही इन गरीब बच्चों का भविष्य सुनहरा बनाया जा सकता है.
45 गरीब बच्चों की पढ़ाई मुफ्त
एनजीओ संयोजक अनुराग सचदेवा ने कहा कि ‘हम लोग इंदौर में चार बस्तियों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं. आप आज जिस बस्ती में आए हैं, यहां पर 45 बच्चें हैं, जिनको हमारे वॉलेंटियर और पूरी टीम मिलकर पढ़ाती हैं और डेली उन बच्चों को पढ़ा रहे हैं. दूसरा हम लोग इन बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ दूसरी एक्टिविटी भी सिखाते हैं, जैसे- डांस, एक्टिंग, क्राफ्ट, सेल्फ डिफेंस और भी चीजों में बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए हम लोग काम कर रहे हैं.’
पढ़ाई के साथ बच्चे सीखते हैं डांस और कराटे
इस खास पाठशाला में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ ऐसी चीजें भी सिखाई जाती हैं जो उन्हें बेहतर इंसान बनाने में मददगार साबित होंगी. स्कूल की एक छात्रा ने कहा, ‘हमने यहां पर पढ़ाई के साथ-साथ कई संस्कार वगैरह और डांस भी सीखी. यहां पर कराटे क्लास भी होती है, योगा क्लास भी होती है और हर सटरडे को इवनिंग में गेम भी खिलाते हैं.’ यहां पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता मजदूरी करते हैं. वे एनजीओ की पहल से काफी खुश हैं.
पढ़ने आते हैं डॉक्टर के इंजीनियर बच्चे
एक स्टूडेंट के पिता ने कहा, ‘मतलब जिन बच्चों को बोलना नहीं आता था, उनको बोलना आ गया और बहुत बच्चों को अच्छा लिखना भी आ गया. अंग्रेजी में भी मैंने राइटिंग देखी, बहुत अच्छी राइटिंग बच्चों की है, मतलब अंग्रेजी लिखने में और तो ये सब तरक्की इन लोगों ने करा है पढ़ाई-लिखाई करके और जो सर यहां पर पढ़ा रहे हैं वो भी लगातार मतलब पढ़ाई में बहुत ध्यान देते हैं और छुट्टी वगैरह नहीं करते हैं. साथ ही बच्चों को पढ़ाने के लिए नौ घंटे का यहां समय देते हैं और अच्छे से पढ़ा रहे हैं.’ इंदौर की इस खास पाठशाला में कई डॉक्टर, इंजीनियर, बड़ी कंपनियों के मैनेजर और वकील बच्चों को पढ़ाने के लिए आते हैं.
निःस्वार्थ भाव से होती है सेवा
स्कूल के एक पार्ट टाइम टीचर के अनुसार, ‘मतलब मैं जब पहली बार यहां आई थी, मेरे को दो साल हो गए इनको पढ़ाते-पढ़ाते. फर्स्ट टाइम थोड़ा मुझे मुश्किल था, लेकिन अब ये जैसे फैमिली बन गए, तो मैं जनरली हर हफ्ते यहां आती हूं, कभी-कभी ऑन एंड ऑफ हो जाता है. इनको हम लोग ऐसा होता है न कि निःस्वार्थ जब हम सेवा करते हैं, तो निःस्वार्थ प्रेम, तो वो एक अलग रिश्ता है इन लोगों से.’ ‘मानवता की पहचान’ एनजीओ सिर्फ गरीब बच्चों के लिए फ्री क्लास ही नहीं चलाता बल्कि ब्लड डोनेशन कैंप, जानवरों की देखभाल करना और पौधे लगाने जैसी कई और पहल का भी हिस्सा है.
यह भी पढ़ें: Jammu-Kashmir News: एलओसी के पास भारतीय सेना ने एक स्कूल में बनवाया स्मार्ट क्लासरूम