10 February 2024
पटना की फेमस सिन्हा लाइब्रेरी के 100 साल आज पूरे हो गए हैं। लाइब्रेरी के 100 साल पूरे होने पर एक समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें बिहार सर्कल के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल अनिल कुमार ने एक विशेष लिफाफा जारी किया। इस लाइब्रेरी में देश-विदेश की कुछ स्पेशल किताबों समेत लगभग 1.8 लाख बुक्स का कलेक्शन है।
लाइब्रेरी में सबसे पुराना कलेक्शन
सिन्हा लाइब्रेरी के 100 साल पूरे होने पर ट्रस्ट के अध्यक्ष और हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील सुनील कुमार का कहना है कि इस लाइब्रेरी में 1.8 लाख किताबें और 1901 के बाद के कुछ सबसे पुराने न्यूज पेपर्स का कलेक्शन है।आज एक ऐतिहासिक अवसर है। इसलिए आज एक विशेष लिफाफा जारी किया गया है।
इस खास मौके पर चीफ पोस्ट मास्टर जनरल का कहना है कि आज हम सब इस ऑडिटोरियम में इकट्ठे हुए हैं। यहां कभी महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और अन्य बड़े नेताओं ने स्पीच दी थी। इस लाइब्रेरी के सामने से गुजरने वाली सड़क को सिन्हा लाइब्रेरी रोड भी कहा जाता है।
कब हुई स्थापना ?
सिन्हा लाइब्रेरी के 100 साल पूरे होने पर हेरिटेज बिल्डिंग और कुछ समय पहले बने उसके मॉर्डन सेक्शन को सजाया गया है। इस लाइब्रेरी को ऑफिशियली राधिका सिन्हा संस्थान और सच्चिदानंद सिन्हा लाइब्रेरी के रूप में स्थापित किया गया था, जिसे ‘सिन्हा लाइब्रेरी’ के नाम से जाना जाता है। बता दें कि इस संस्थान का नाम उनकी पत्नी के नाम पर रखा गया था। सच्चिदानंद सिन्हा की इस लाइब्रेरी का उद्घाटन 9 फरवरी, 1924 को बिहार और ओडिशा के उस समय के राज्यपाल सर हेनरी व्हीलर ने किया था।