Home Election Lok Sabha Elections 2024: ‘सहानुभूति कार्ड’ VS ‘गुंडा राज के अंत’ में किसकी नैया होगी पार, गाजीपुर सीट का कौन होगा हकदार?

Lok Sabha Elections 2024: ‘सहानुभूति कार्ड’ VS ‘गुंडा राज के अंत’ में किसकी नैया होगी पार, गाजीपुर सीट का कौन होगा हकदार?

by Live Times
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Lok Sabha Election 2024:

Lok Sabha Elections 2024: मौत के दो महीने बाद माफिया डॉन से नेता बने मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश की गाजीपुर सीट पर राजनीतिक चर्चा के केंद्र में हैं. यहां उनके छोटे भाई और I.N.D.I.A. ब्लॉक के उम्मीदवार अफजाल अंसारी और BJP के पारसनाथ राय मैदान में हैं.

30 May, 2024

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में यूपी की गाजीपुर लोकसभा सीट पर भी आगामी 01 जून को मतदान होना है. इस सीट पर मरहूम माफिया मुख्तार अंसारी का फैक्टर अब भी कायम है. मौत के 2 महीने बाद चुनावी चर्चा में मुख्तार अंसारी का जिक्र हो रहा है. बड़ी संख्या ऐसे लोगों की भी है जो मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को सपोर्ट कर रहे हैं, तो कई मुख्तार के प्रति इस सहानुभूति को झूठा बताते हैं. कुछ लोगों का कहना है कि पहले मुख्तार अंसारी का जो आतंक और दबदबा था, वह अब ख़त्म हो गया है. खैर इसका असर तो 4 जून को नतीजों वाले दिन देखने को मिल जाएगा.

2019 का चुनावी समीकरण

2019 में अफजाल अंसारी ने तत्कालीन केंद्रीय मंत्री और अब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को 1.19 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था.
मैदान में 10 उम्मीदवार हैं, जिनमें समाजवार्दी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे अफजाल अंसारी, उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी BJP के राय और BSP के उमेश सिंह शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने BJP उम्मीदवार के पक्ष में रैलियां की हैं, जबकि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अफजाल अंसारी के समर्थन में सभा की है.

‘सहानुभूति कार्ड का खेल’

करीब चार दशक से मुख्तार अंसारी की छाया में चुनाव लड़ रहे पांच बार के विधायक और दो बार के सांसद अफजाल अंसारी सहानुभूति कार्ड पर खेल रहे हैं. वह दावा कर रहे हैं कि उनके बड़े भाई की मौत एक साजिश का हिस्सा है और जनता गुस्से में है, जिसका असर 4 जून को दिखेगा. BJP प्रत्याशी राय ने पलटवार करते हुए कहा कि अफजाल अंसारी को अपने आतंकी भाई की तुलना शहीदों से नहीं करनी चाहिए. BJP विधायक कृष्णानंद राय की हत्या समेत 60 से ज्यादा मामलों में आरोपी मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने के बाद इसी साल 28 मार्च को बांदा जिला जेल के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मुख्तार अंसारी फैक्टर के अलावा गाजीपुर में 20.74 लाख मतदाताओं के लिए अन्य मुद्दे जातिगत गोलबंदी और मोदी-योगी की खींचतान है.

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