Shamshad Begum: दिल्ली की मशहूर सिंगर छमिया बाई यानी शमशाद बेगम ने 23 अप्रैल, 2013 को अपनी आखिरी सांस ली. उनकी पुण्यतिथि पर जानते हैं शमशाद की जिंदगी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें.
23 April, 2024
Shamshad Begum Death Anniversary: भारत की मशहूर गायिका शमशाद बेगम जिन्हें लोग छमिया बाई के नाम से भी जानते थे. उन्होंने अपने करियर में हर रंग के गीत गाकर लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई. उनकी आवाज जितनी कटीली और दमदार थी उतनी ही बेबाक शमशाद की असल जिंदगी भी थी. आज शमशाद बेगम की पुण्यतिथि पर जानते हैं उनकी जिंदगी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें.
बेहद खूबसूरत थीं शमशाद
शमशाद बेगम जितना खूबसूरत गाती थीं वो खुद भी उतनी ही हसीन थीं. 14 अप्रैल, 1919 को पंजाब में पैदा हुईं शमशाद छोटी उम्र से ही गाने का शौक रखती थीं. एक बार उनके चाचा लाहौर की एक बड़ी म्यूजिक कंपनी में शमशाद को ऑडीशन के लिए ले गए. गुलाम हैदर ने उनका गाना सुना और एक ही बार में शमशाद को 15 गानों के लिए साइन कर लिया गया. इसके बाद उन्होंने हिंदी फिल्मों में एक से बढ़कर एक गीत गाए. फिल्म ‘मदर इंडिया’ के गीत ‘पी के घर आज प्यारी दुल्हनिया चली’ और ‘होली आई रे कन्हाई’ में शमशाद की ही आवाज है.
एक वादा निभाने के लिए रहीं पर्दे के पीछे
शमशाद बेगम बेहद खूबसूरत थीं, इसके बाद भी उन्होंने कभी पर्दे के सामने आने की नहीं सोची. दरअसल, उन्होंने अपने पिता से वादा किया था कि वो कभी भी कैमरे के सामने नहीं आएंगी और उन्होंने ये वादा हमेशा निभाया. शमशाद एक मुस्लिम परिवार से थीं इसके बावजूद वो अपना दिल एक हिंदू लड़के गणपत लाल को दे दिया. महज 15 साल की उम्र में शमशाद ने परिवार के खिलाफ जाकर गणपत से शादी कर ली. गणपत ने भी जिंदगी भर शमशाद का साथ निभाया. दोनों एक बेटी के माता-पिता भी बनें.
शमशाद का करियर
अपने करियर में शमशाद बेगम ने अलग-अलग भाषाओं में 6 हजार से ज्यादा गाने गाए. उन्होंने ‘कभी आर कभी पार’, ‘मेरे पिया गए रंगून’, ‘छोड़ बाबुल का घर’, ‘कजरा मोहब्बत वाला’ जैसे कई सुपरहिट गाने गाए. अपने टाइम की वो सबसे ज्यादा डिमांड में रहने वाली सिंगर थीं. पहला गाना गाने के लिए शमशाद को 15 रुपये मिले थे. उन्होंने नौशाद अली, एसडी बर्मन, ओपी नय्यर जैसे संगीत के दिग्गजों के साथ काम किया.
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