SC Guidelines For Movies: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फिल्मों में विकलांग व्यक्तियों को दिखाने के मामले में कुछ निर्देश जारी किए हैं.
08 July, 2024
SC Guidelines For Movies: अक्सर आपने फिल्मों और टीवी शोज में विकलांग लोगों का मजाक उड़ते हुए देखा होगा. अब इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नए रूल्स जारी किए हैं. दरअसल, HC ने फिल्मों में विकलांग व्यक्तियों के अपमानजनक चित्रण के खिलाफ दिशानिर्देश जारी किए हैं. कुल मिलाकर अब किसी फिल्म, वेब सीरीज, टीवी शो और विज्ञापन में अपंग और अपाहिज जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इसके अलावा ना ही विकलांगों का मजाक उड़ाया जाएगा.
क्यों लिया गया फैसला
यह फैसला निपुण मल्होत्रा की याचिका के बाद लिया गया. उन्होंने कहा था कि हिंदी फिल्म ‘आंख मिचोली’ में विकलांग व्यक्तियों को लेकर भद्दे कमेंट्स किए गए थे. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि गलत शब्द लोगों में भेदभाव पैदा करते हैं. अपंग और स्पास्टिक जैसे शब्द विकलांग व्यक्तियों के बारे में समाज में अलग धारणा बनाते हैं.
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जरूरी होगी विशेषज्ञों की राय
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कई दिशानिर्देश तय किए. वहीं, पीठ ने कहा कि CBFC को फिल्मों की स्क्रीनिंग से पहले विशेषज्ञों की राय लेनी होगी.
इसमें कहा गया है कि विजुअल मीडिया को विकलांग व्यक्तियों की सच्चाई पर फोकस करना चाहिए, न केवल उनकी चुनौतियों बल्कि सफलताओं को भी दिखाना चाहिए. इसके अलावा मूवी मेकर्स विकलांगों के हुनर और समाज में उनके योगदान को भी दिखाएं. उन्हें चिढ़ाया नहीं जाना चाहिए और न ही अपंग के रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए.
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