Water Crisis : दिल्ली में जल संकट के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है. इसके पीछे कई कारण हैं. इनमें से एक जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय में बर्फबारी में काफी कमी आना भी है.
25 June, 2024
Water Crisis: देश की राजधानी दिल्ली में गहराते जल संकट के कारण करोड़ों लोगों का जीवन प्रभावित है. लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस गए हैं. इस बीच अब उत्तराखंड से ऐसी खबर सामने आ रही है जो दिल्ली के लोगों को और भी ज्यादा डरा सकती है. जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय में बर्फबारी में काफी कमी आई है. उत्तराखंड के विधायक ने इसको लेकर चेतावनी भी जारी की है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो भविष्य में अगले दो से तीन दशकों में हिमालय बर्फ से रहित हो सकता है.
तेजी से पिघल रहा ग्लेशियर
BJP के टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण तेजी से ग्लेशियर पिघलने से भारतीय मानसून और उसका पैटर्न प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा कि ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने और बर्फबारी में कमी के कारण नदी के प्रवाह में कमी का न केवल हिमालयी गांवों में और शहरों में बल्कि दिल्ली जैसे शहरी क्षेत्रों पर भी व्यापक और दूरगामी प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने पहाड़ों में गर्मी बढ़ने और उसके बाद ग्लेशियर पिघलने के लिए मैदानी इलाकों में वनों की कटाई को भी जिम्मेदार ठहराया.
झीलों में बढ़ रहा बाढ़ का खतरा
नीति आयोग के पूर्व सलाहकार और पहल के सदस्य अविनाश मिश्रा ने कहा कि जीवाश्म ईंधन के जलने से ग्लेशियर पिघल रहे हैं और हिमनद झीलों का विस्तार हो रहा है, जिससे हिमनद झील में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि जंगल की आग में वृद्धि हिमालय को और गर्म कर रही है. उन्होंने कहा कि हिमालय में बर्फबारी कम होने से पहाड़ों से निकलने वाली नदियों के किनारे के उद्योगों और कृषि पर गंभीर असर पड़ेगा. अविनाश मिश्रा ने चेतावनी दी कि जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियर पिघलने से न केवल हिमालय बल्कि दिल्ली जैसे शहर भी प्रभावित होंगे.
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