Astrazeneca: ब्रिटेन की फार्मास्युटिकल दिग्गज एस्ट्राजेनेका ने अपने COVID-19 वैक्सीन की ग्लोबल वापसी शुरू कर दी है. भारत में ये सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की सहयोग में ‘कोविशील्ड’ नाम से तैयार की गई थी.
09 May, 2024
Covishield Side Effects: कोविड-19 संक्रमण के दौरान ब्रिटेन की प्रमुख फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने दुनियाभर में वैक्सीन उपलब्ध कराई थी. अब इस वैक्सीन को बाजार से वापस मांगने का कार्य शुरू कर दिया है. इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट में शरीर में खून के थक्के जमने और प्लेटलेट काउंट कम होने की शिकायत दर्ज की गई है. हालांकि कंपनी ने अपने बयान में दावा किया है कि वैक्सीन का नया वर्जन मौजूद है इसलिए पुराने स्टॉक को वापस मांगा जा रहा है.
कोविशील्ड के साइड इफेक्ट
ब्रिटेन की फार्मास्युटिकल दिग्गज एस्ट्राजेनेका ने अपने COVID-19 वैक्सीन की ग्लोबल वापसी शुरू कर दी है. भारत में ये सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की सहयोग में ‘कोविशील्ड’ नाम से तैयार की गई थी. कंपनी ने कहा है कि वापसी महामारी के बाद से आज तक टीकों की भरमार की वजह से शुरू की गई है. पुरानी तकनीक से बने टीकों की मांग अब नहीं है. टीकों की वापसी का फैसला एस्ट्राजेनेका के ये मान लेने के कुछ दिनों बाद आया है कि उसका टीका ‘बहुत ही कम मामलों’ में खून के थक्के से जुड़ा गलत असर पैदा कर सकता है. इसे टीटीएस के तौर पर जाना जाता है.
वापस लेने का लिया फैसला
मंगलवार को यूरोपीय संघ (ईयू) के दवा नियामक यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने एक नोटिस जारी करके इस बात की पुष्टि कर दी. वैक्सजेवरिया वैक्सीन अब 27-सदस्यीय आर्थिक ब्लाक में इस्तेमाल के लिए ऑथराइज नहीं है. थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के साथ थ्रोम्बोसिस ऐसी हालत है, जिसमें शरीर में खून के थक्के बन जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या घट जाती है. भारत में वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अब तक वापसी पर कोई बयान नहीं दिया है. भारत में COVID-19 के टीकों की 220 करोड़ से ज्यादा खुराकें दी गई हैं और उनमें से ज्यादातर कोविशील्ड के टीके थे. वैक्सीन को कंपनी ने मार्च के महीने से ही वापस मांगने का फैसला ले लिया था.
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