Voyager 1 : नासा के 47 साल पुराने यान ने एक बार फिर धरती से संपर्क साधा है. साल 1981 के बाद से इसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था लेकिन जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के इंजीनियरों ने इससे संपर्क साध लिया.
02 November, 2024
Voyager 1 : नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के 47 साल पुराने अंतरिक्ष यान ने एक बार फिर 15 अरब मील दूरी से धरती से संपर्क साधा है. Voyager-1 ने हाल ही में रेडियो ट्रांसमीटर की मदद से थोड़े समय रूकने के बाद धरती से संपर्क किया है. बताया जा रहा है कि नासा का 1981 के बाद से इससे संपर्क टूट गया था. जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) के नासा इंजीनियरों ने संपर्क साधने की कोशिश की थी जिसमें काफी हद वह कामयाब हो गए.
वॉयजर-1 में हैं दो ट्रांसमीटर
Voyager-1 धरती से 15 अरब मील दूर होने के बाद भी लगातार संदेश भेजने का काम कर रहा है. 16 अक्टूबर को इसका ट्रांसमीटर बंद हो गया था, जिसकी वजह से संपर्क में रुकावट देखी गई थी. बताया जा रहा है कि ट्रांसमीटर शटडाउन अंतरिक्ष यान के फॉल्ट प्रोटेक्शन सिस्टम के कारण हुआ था. यह बिजली के ज्यादा इस्तेमाल होने पर सूचनाएं देना बंद कर देता है. Voyager-1 में दो ट्रांसमीटर हैं, लेकिन कई वर्षों से इसका एक ही उपयोग हो रहा है जिसे एक्स-बैंड कहा जाता है. दूसरा एस-बैंड एक अलग फ्रीक्वेंसी का उपयोग करता है जिसका वर्ष 1981 से उपयोग नहीं किया गया है.
23 घंटे में पहुंचती है कोई भी सूचना
नासा ने कहा कि वॉयजर-1 से पृथ्वी तक और पृथ्वी से यान तक संदेश पहुंचने में 23 घंटे लग रहे हैं. 16 अक्टबूर को जब नासा के इंजीनियरों ने अंतरिक्ष यान को एक संदेश भेजा तो 18 अक्टूबर तक वहां से कोई जवाब नहीं मिला था. एक दिन बाद ही वॉयजर-1 से संपर्क पूरी तरह टूट गया था. लेकिन अब इस मामले में वैज्ञानिक काफी सावधानी बरत रहे हैं. साथ ही पता लगाने में लगे हैं कि एक्स-बैंड को शुरू करने से किसी प्रकार का कोई खतरा तो नहीं होगा. इसी बीच 22 अक्टूबर को नासा ने एक मैसेज जानने की कोशिश की कि एस-बैंड ट्रांसमीटर काम कर रहा है या नहीं. इसको लेकर 24 अक्टूबर कंफर्म मिल गया लेकिन वैज्ञानिक इस पर पूरी तरह से विश्वास नहीं कर रहे हैं.
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