Indo-Pacific Disputes: अमेरिकी सांसद यंग किम ने दावा किया कि चीन अमेरिका और दक्षिण एशिया में अमेरिकी मित्र देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों को खतरे में डाल रहा है.
25 July, 2024
Indo-Pacific Disputes: अमेरिकी कांग्रेस सांसद और हिंद-प्रशांत (इंडो-पैसिफिक क्षेत्र) पर उपसमिति की अध्यक्ष ने चीन की दादागीरी को लेकर बड़ा खुलासा किया है. चीन हिंद महासागर में स्थित प्रमुख पॉइंट्स पर चीन अपनी पैठ बना रहा है. चीन मुक्त समुद्री मार्गों को बाधित करने की कोशिश कर रहा है. अमेरिकी सांसद यंग किम ने दावा किया कि चीन अमेरिका और दक्षिण एशिया में अमेरिकी मित्र देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों को खतरे में डाल रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम हिंद-प्रशांत में भारत के महत्व को नहीं भूल सकते हैं.
भारत के महत्व को नहीं भूल सकते- यंग किम
कांग्रेस सदस्य यंग किम ने कहा कि हम इंडो-पैसिफिक में भारत के महत्व को नहीं भूल सकते. चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा संघर्ष को बढ़ावा दिया. उन्होंने दावा किया कि चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी (People’s Liberation Army) यानी PLA की मौजूदगी भारतीय सीमा और हिंद महासागर दोनों में बढ़ रही है. साथ वह चीन और मालदीव के बीच बढ़ते संबंधों को लेकर भी विशेष रूप से चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि मालदीव को चीन-मालदीव साझा पुल के लिए 200 मिलियन अमरीकी डॉलर सहित कई बड़े चीनी निवेश प्राप्त हुए हैं. हालांकि चीनी सरकार पर 1.4 बिलियन अमरीकी डॉलर का कर्ज भी है.
‘महासागर वैश्विक व्यापार के लिए महत्वपूर्ण’
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबकि, कांग्रेस की सुनवाई के दौरान कांग्रेस सदस्य यंग किम ने कहा कि हिंद महासागर वैश्विक व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण समुद्री चैनल है. तेल व्यापार का 80 फीसदी और अन्य वैश्विक व्यापार का 40 प्रतिशत हिंद महासागर से होकर गुजरता है. ऐसे में चीन की दादागीरी कई देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है. हिंद-प्रशांत पर उपसमिति की अध्यक्ष ने चीन की चालबाजी का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान और श्रीलंका में चीनी बंदरगाह, जिबूती में सैन्य प्रतिष्ठान और मालदीव में बुनियादी ढांचे में निवेश इस बात का सबूत है कि चीन समुद्री मार्गों के साथ प्रमुख चोक पॉइंट्स में पैठ बना रहा है.
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बनी है विवाद की स्थिति
अमेरिकी सांसद ने कहा कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन कई देशों के जहाजों को नेविगेट करने के अधिकार को बाधित कर रहा है. बता दें कि चीन दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा करता है. वहीं फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी कई हिस्सों पर दावा करते हैं. ऐसे में हिंद-प्रशांत क्षेत्र लगातार विवाद की स्थिति बनी हुई है. दूसरी ओर अमेरिका दक्षिण चीन सागर में कोई दावा तो नहीं करता है, लेकिन कहता है कि यह जलक्षेत्र दुनिया भर के समुद्रों से मुक्त मार्ग की गारंटी देने के उसके राष्ट्रीय हित के लिए महत्वपूर्ण है.
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