Birthright Citizenship : बर्थराइट सिटीजनशिप विवादों के बीच अमेरिका राष्ट्रपति ट्रंप का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि जन्मसिद्ध नागरिकता मुख्य रूप से गुलामों के बच्चों के लिए थी.
Birthright Citizenship : भारतीयों का हमेशा एक सपना रहा है कि अमेरिका में जाकर वह काम करें और जरूरत पड़ने पर वहां की नागरिकता प्राप्त हो जाए. हर साल हजारों की संख्या में भारत से अमेरिका वर्क वीजा पर जाते हैं और एक समय के बाद वहां पर बसने का सपना देखने लग जाते हैं. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद अपने कई फैसले में से एक उस फाइल पर भी हस्ताक्षर कर दिए जिसके माध्यम से ‘जन्मजात नागरिकता’ को समाप्त कर दिया गया. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जन्मसिद्ध नागरिकता मुख्य रूप से गुलामों के बच्चों के लिए थी, न कि पूरी दुनिया के लिए जो अमेरिका में आकर बस जाएं.
सुप्रीम कोर्ट जाएंगे डोनाल्ड ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के बाद अपने पहले कार्यकारी आदेश में बर्थराइट सिटीजनशिप खत्म करने के लिए फाइल पर हस्ताक्षर किए थे और इसको अगले दिन सिएटल की एक फेडरल कोर्ट ने खारिज कर दिया. अब ट्रंप ने एक बार फिर इस कानून पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे और उसके बाद उनके पक्ष में फैसला आएगा. ट्रंप ने अपनी एक मीडिया वार्ता में कहा कि जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो उसमें पाते हैं कि जन्मजात नागरिकता गुलामों के बच्चों के लिए थी और इसका मतलब कतई नहीं है कि पूरी दुनिया आकर अमेरिका में बस जाए.
अमेरिका पर पूरी दुनिया का कब्जा हो जाए
अमेरिका राष्ट्रपति ने कहा कि गुलामों के बच्चों को जन्मजात नागरिकता देना बहुत अच्छा काम था और मैं इसके लिए 100 फीसदी पक्ष में हूं. लेकिन इसका उद्देश्य यह नहीं है कि पूरी दुनिया का कब्जा अमेरिका पर हो जाए. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट में हम जीत हासिल करेंगे. हम यह केस जीतने जा रहे हैं और मैं इस जीत के लिए काफी उत्सुक हूं. अमेरिका सीनेट में रिपब्लिकन सीनेटरों के एक ग्रुप ने अवैध प्रवासियों और अस्थायी वीजा पर गैर-प्रवासियों के बच्चों तक जन्मसिद्ध नागरिकता को सीमित के लिए विधेयक पेश किया.
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