Extradition Of Sheikh Hasina: बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने सोमवार को भारत सरकार से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग रखी है.
Extradition Of Sheikh Hasina: बांग्लादेश ने भारत सरकार से बहुत बड़ी मांग रख दी है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए राजनयिक नोट भेजा है. अपने संदेश में उन्होंने दावा किया है कि बांग्लादेश और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि पहले से ही मौजूद है और इस संधि के तहत शेख हसीना को बांग्लादेश वापस लाया जा सकता है. बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी है.खबर अपडेट की जा रही है.
प्रत्यर्पण संधि का दिया हवाला
बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा कि हमने भारत सरकार को एक मौखिक नोट भेजा है, जिसमें कहा गया है कि बांग्लादेश न्यायिक प्रक्रिया के लिए शेख हसीना वापस चाहता है. उन्होंने कहा कि हमने शेख हसीना के प्रत्यर्पण के संबंध में विदेश मंत्रालय को एक पत्र भेजा है. प्रक्रिया अभी चल रही है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि पहले से ही मौजूद है और इसके तहत शेख हसीना को बांग्लादेश फिर से वापस लाया जा सकता है. इससे पहले सुबह गृह मंत्रालय के सलाहकार जहांगीर आलम ने भी कहा था कि कार्यालय ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत से प्रत्यर्पण की सुविधा के लिए विदेश मंत्रालय को एक पत्र भेजा है. गौरतलब है कि 77 वर्षीय शेख हसीना ने 5 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दिया था और तब से भारत में निर्वासन में रह रही हैं.
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अपहरण से लेकर देशद्रोह के 225 से ज्यादा मामले
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के दौरान शेख हसीना के खिलाफ हत्या, अपहरण से लेकर देशद्रोह के 225 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं. कई मामलों में शेख हसीना के खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी कर दिए गए हैं. इसमें शेख हसीना के साथ ही उनकी सरकार के पूर्व मंत्री और सलाहकार भी शामिल हैं.
इसी मामले को लेकर मोहम्मद यूनुस ने कहा था कि अगर भारत उन्हें तब तक रखना चाहता है, जब तक बांग्लादेशी सरकार उन्हें वापस नहीं बुला लेता, लेकिन शर्त यह होगी कि शेख हसीना को चुप रहना होगा. हाल के दिनों में शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर नरसंहार करने और अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है. ऐसे में बांग्लादेशी सरकार का दावा है कि शेख हसीना की ओर से दिए जा रहे बयान दोनों देशों के संबंध बिगाड़ रहे हैं.ॉ
भारत के पास क्या हैं विकल्प
बता दें कि भारत और बांग्लादेश के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि में कई ऐसी शर्तें लागू हैं, जिनके आधार पर भारत सरकार शेख हसीना के प्रत्यर्पण को रोक सकती है. इसमें सबसे बड़ी शर्त है अगर आरोप राजनीतिक तौर पर लगाए गए हैं, तो भारत सरकार बांग्लादेश सरकार के प्रत्यर्पण का अनुरोध खारिज कर सकती है.
कई विशेषज्ञों का मानना है कि प्रत्यर्पण संधि में कई ऐसे दांव-पेच होते हैं, जिससे शेख हसीना के प्रत्यर्पण के अनुरोध को लंबे समय तक पेंडिंग रखा जा सकता है. एक्सपर्ट का यह भी मानना है कि भारत सरकार के पास इस मामले को राजनीतिक मकसद साबित करने के लिए सभी दलीलें हैं.
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