Hassan Nasrallah Funeral: हसन नसरल्लाह को मारने के लिए IDF ने बड़ी प्लानिंग की थी. IDF ने दुश्मन को उड़ाने के लिए 80 से अधिक बमों का इस्तेमाल किया था.
Hassan Nasrallah Funeral: लेबनान की राजधानी बेरूत में रविवार को हिजबुल्लाह लीडर सैयद हसन नसरल्लाह की जनाजे के लिए भारी भीड़ पहुंची हुई है. इस जनाजे में ईरान , इराक और अन्य देशों के कई बड़े नेता भी पहुंचे हैं. इसमें उच्च-स्तरीय राजनीतिक और धार्मिक हस्तियां शामिल हैं.
अंतिम संस्कार साढ़े 4 बजे बेरूत के कैमिली चामौन स्पोर्ट्स सिटी स्टेडियम में आयोजित किया गया. गौरतलब है कि हसन नसरल्लाह IDF यानि इजराइली रक्षा बलों के हमले में मारा गया था. हसन नसरल्लाह को मारने के लिए IDF ने बहुत बड़ी प्लानिंग की थी. IDF ने अपने दुश्मन को उड़ाने के लिए एक टन के करीब 80 से अधिक बमों का इस्तेमाल किया था.
IDF 🇮🇱 : “We Will Reach Everyone, Everywhere”: Israeli Air Force Fighter Jets Involved in the Elimination of Hassan Nasrallah and Hezbollah’s Central Headquarters in Lebanon
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) September 28, 2024
Video of the take-off and landing of the planes that killed Hassan Nasrallah in the attack in Beirut. pic.twitter.com/fIFTxiqvZW
20 साल तक IDF ने किया पीछा
दरअसल, पिछले साल 27 सितंबर को बेरूत के दक्षिण में स्थित दहिएह शहर में अब तक सबसे बड़ा हमला किया था. इस हमले से पूरा दहिएह शहर थर्रा उठा था. दहिएह के सेंटर में स्थित रेजिडेंशियल बिल्डिंग के 60 फिट नीचे बने हिजबुल्लाह आतंकी संगठन के केंद्रीय मुख्यालय वाले बंकर पर ऊपर से 80 से ज्यादा बम गिराए.
IDF ने हमले के बाद दावा किया कि हसन नसरल्लाह बंकर में ही मौजूद था. हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह अपनी मौत से पहले IDF से छिप कर बंकर में ही रह रहा था. हसन नसरल्लाह का ठिकाना सालों तक गुप्त रखा गया था. हसन नसरल्लाह को मारने से पहले IDF ने करीब 20 सालों तक हिजबुल्लाह की खुफिया जानकारी जुटाई थी.
20 सालों की खुफिया जानकारी आधार पर IDF हिजबुल्लाह के जमीन से 60 फिट नीचे भी बने बंकर को उड़ाने में सक्षम हो गया. वहीं, हसन नसरल्लाह लंबे समय से सतर्क था और मिलने-जुलने वाले लोगों का दायरा भी बहुत कम था. सूत्रों के मुताबिक हिजबुल्लाह में छिपे इजराइली मुखबिरों ने ही हसन नसरल्लाह की जानकारी IDF तक पहुंचाई थी. पिछले साल ही 17-18 सितंबर के पेजर विस्फोटों के बाद ही हसन नसरल्लाह और चौकन्ना हो गया था.
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पेजर विस्फोट के बाद हुआ था चौकन्ना
17 और 18 सितंबर को पेजर और वॉकी-टॉकी के विस्फोट से 35 से अधिक हिजबुल्लाह लड़ाके मारे गए थे. वहीं, लगभग 1,500 अपंग हो गए थे. ऐसे में उसे डर था कि कहीं इजराइल उसे भी मारने की कोशिश न करे. हिजबुल्लाह जैसे संगठनों की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ हसन नसरल्लाह की मौत को हिजबुल्लाह की खुफिया विफलता मानते हैं.
IDF के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल नादव शोशनी ने भी बताया था कि सेना को पता था कि 27 सितंबर को हसन नसरल्लाह समेत कई हिजबुल्लाह कमांडर बंकर में जुटने वाले हैं. वहीं, हमले के समय प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण देने के लिए अमेरिका के न्यूयॉर्क में थे. न्यूयॉर्क से ही उन्होंने हमले की अनुमति दी थी.
हसन नसरल्लाह के बंकर को उड़ाने के लिए 2000 पाउंड (एक टन) के अमेरिकी निर्मित बमों का इस्तेमाल किया था. इजरायली सेना की ओर से शेयर किए वीडियो में 8 फाइटर प्लेन भेजे थे. सभी विमान 15 अमेरिका निर्मित BLU-109 बम से लैस थे. इन बमों को बंकर बस्टर के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह बम विस्फोट होने से पहले जमीन के अंदर तक घुस जाते हैं.
BREAKING :Hezbollah leader Hassan Nasrallah killed in airstrike against Beirut by Israeli Airforce. pic.twitter.com/L8NRVpbIRm
— Baba Banaras™ (@RealBababanaras) September 27, 2024
साथ ही बमों के हमलों को स्मार्ट और निर्देशित बनाने के लिए JDAM का इस्तेमाल किया गया था. इन बमों में 535 पाउंड विस्फोटक होते हैं. ऐसे कुल 80 से ज्यादा बम बंकर के उपर गिराए गए थे. बाद में रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि हसन नसरल्लाह की मौत बम धमाके के झटके से हुई थी. तेज धमाके से हुए ट्रॉमा को उसकी मौत की वजह माना गया था.
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