India-Germany Relation : भारत और जर्मनी आने वाले समय में रक्षा और श्रम कौशल के क्षेत्र में काम करने को लेकर आम सहमति बनी है. दोनों देशों की सरकार द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना चाहती है.
India-Germany Relation : भारत दुनिया भर में हर एक देश से अपना व्यापार मजबूत करने के लिए हर स्तर पर कोशिश कर रहा है. इसी कड़ी में इंडिया और जर्मनी के बीच कई सौदों पर सहमति बनी है जिसमें रक्षा और कुशल श्रम के सेक्टरों पर आने वाले समय में तेजी से काम करेंगे. इसी बीच भारत में मौजूद जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन (Philip Ackermann) ने कहा कि जर्मनी की आने वाली सरकार ने भारत के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लिए योजना तैयार की है और खासकर कुशल श्रम प्रवास के क्षेत्रों में तेजी से काम करने को लेकर विचार किया है.
जर्मनी की नई सरकार कब लेगी शपथ
एकरमैन ने इस बात पर जोर दिया कि गठबंधन संधि पर जर्मनी की नई सरकार और भारत ने आम सहमति जताई है कि वह आने वाले वक्त में कई क्षेत्रों में काम करेंगी. बता दें कि जर्मनी की नई सरकार का अभी आधिकारिक तौर पर शपथ ग्रहण होना बाकी है और चांसलर का चुनाव भी आने वाले दो हफ्तों में हो जाएगा और इसके बाद संसद में मंत्रियों को नियुक्त किया जाएगा. इसी बीच राजदूत एकरमैन ने दोनों देशों के बीच में संबंधों को लेकर काफी आशावादी संदेश दिया है.
भारत के प्रोजेक्ट-75 में दिखाई रूचि
जर्मनी राजदूत ने कहा कि हम उम्मीद कर सकते हैं कि नई जर्मन सरकार भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों के प्रति बहुत सक्रिय और प्रतिबद्ध है. रक्षा सहयोग पर राजदूत ने दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों में बढ़ती तीव्रता का उल्लेख किया है. एकरमैन ने दोनों देशों के रक्षा उद्योगों के बीच में संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया है और प्रस्तावित पनडुब्बी सौदे को लेकर जर्मनी सरकार की पुष्टि की है. इसके अलावा एकरमैन ने इस सौदे के माध्यम से दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत करने के लिए भी कहा है. साथ ही जर्मनी ने भारत के प्रोजेक्ट-75 आई कार्यक्रम में गहरी रुचि व्यक्त की है, जिसमें भारतीय नौसेना के लिए छह पारंपरिक पनडुब्बियों का निर्माण शामिल है.
वहीं, राजदूत ने कहा कि जब आपका व्यवसाय ग्लोबल लेवल पर हो जाता है तो आपको टैरिफ कम करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि भारत-जर्मन अगर टैरिफ कम करते हैं तो दोनों देशों के व्यवसायों के लिए भी अच्छा होगा और व्यापार भी बढ़ेगा. बता दें कि जर्मनी यूरोपीय संघ में भारत के शीर्ष व्यापारिक भागीदारों में से एक है.
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