Russia Ukraine War: इस प्लांट का नाम है ’11 फरवरी’. इसमें बनने वाली SRBM यानी छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का नाम है ह्वासोंग-11, जिसे KN-23 भी कहा जाता है.
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले दो सालों से जारी है. इस युद्ध में अब नॉर्थ कोरिया भी खुलकर रूस का साथ दे रहा है. इस बीच बहुत बड़ी जानकारी सामने आ रही है.
नॉर्थ कोरिया रूस के लिए मिसाइल बनाने वाली कंपनी को बड़े पैमाने पर विस्तार कर रहा है. इसमें बनाई जाने वाली मिसाइल का रूस यूक्रेन के खिलाफ बड़े पैमाने पर करता रहा है.
इस प्लांट का नाम है ’11 फरवरी’. इसमें बनने वाली SRBM यानी छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का नाम है ह्वासोंग-11, जिसे KN-23 भी कहा जाता है.
सैटेलाइट तस्वीरों के आधार हुई पुष्टि
दरअसल, नॉर्थ कोरिया के पूर्वी तट पर देश के दूसरे सबसे बड़े शहर हामहुंग में रयोंगसोंग मशीन कॉम्प्लेक्स स्थित है. इसी कॉम्प्लेक्स का हिस्सा है ’11 फरवरी’ प्लांट.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिकी थिंक टैंक मिडिलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में स्थित जेम्स मार्टिन सेंटर फॉर नॉनप्रोलिफरेशन स्टडीज की एक रिपोर्ट के हवाले से इस बात की जानकारी दी है.
दरअसल , इस बात की पुष्टि सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर की गई है. सैटेलाइट फोटो के आधार पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक बैलिस्टिक मिसाइल ह्वासोंग-11 या KN-23 के लिए ’11 फरवरी’ ही एकमात्र ज्ञात प्लांट है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस कारखाने में मिसाइलों को असेंबल करने के लिए बड़े पैमाने पर काम चल रहा है. नॉर्थ कोरिया की सरकारी मीडिया KCNA ने भी बताया है कि रयोंगसोंग मशीन कॉम्प्लेक्स का काम जोरों पर है.
KCNA ने बताया कि इस प्लांट को आधुनिक बनाने के लिए कई परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है.
नॉर्थ कोरिया ने रूस को 194 KN-23 मिसाइल
दरअसल, यूक्रेन के खिलाफ रूस ने बड़े पैमाने पर हमला किया है. इसमें हजारों की संख्या में कई तरह की मिसाइल दागी गई हैं. ऐसे में यूक्रेनी सेना ने दावा किया है कि नॉर्थ कोरिया रूस को 194 KN-23/KN-24 मिसाइल और हथियार भेज चुका है.
हालांकि, रूस और नॉर्थ कोरिया दोनों ने ही इस बात को खारिज कर दिया है. ऐसे में नई सैटेलाइट तस्वीरों के सामने आने के बाद यूक्रेन और अमेरिका की टेंशन बढ़ सकती है.
इसके साथ ही नॉर्थ कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को बढ़ावा देने से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के बीच लगभग दो दशक से चली आ रही आम सहमति के खत्म होने का भी संकेत मिलता है.
बता दें कि छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल ह्वासोंग-11 या KN-23 का पहली बार साल 2019 में 4 मई को किया गया था. छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल की भी हवाई सुरक्षा को भेद सकती हैं. ऐसे में रूस के लिए यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में काफी घातक हो सकता है.
यह भी पढ़ें: मारकाट से दहला पाकिस्तान! खूबसूरत घाटी में बिछ गई 70 से ज्यादा लाशें, जानें क्यों भड़की हिंसा
क्या है ह्वासोंग-11 या KN-23 की खासियत ?
ह्वासोंग-11 या KN-23 सुपर वारहेड यानी 500 किलो तक का वारहेड ले जाने में पूरी तरह से सक्षम है. KCNA के मुताबिक नॉर्थ कोरिया ने इसके लिए नकली भारी वारहेड के साथ किया गया था.
छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की मारक क्षमता लगभग 600 किलोमीटर यानी 373 मील है यानी इससे रूस आसानी से यूक्रेन को निशाना बना सकता है.
मिसाइल के हमले की सटीकता को बढ़ाने के लिए हाई टेक्नोलॉजी और सैटेलाइट नेविगेशन का उपयोग किया जाता है.
यह रूस इस्कंदर मिसाइल की तरह ही दिखती है. इसका कुल वजन 3415 किलोग्राम है. KN-23 हमला करने से पहले पुल-अप टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है, जिससे रोकना मुश्किल हो जाता है.
पहले नॉर्थ कोरिया अपने मिसाइल में तरल ईंधन का इस्तेमाल करता था, लेकिन KN-23 में ठोस ईंधन का उपयोग किया जाता है.
साथ ही कम ऊंचाई पर उड़ने की टेक्नोलॉजी किसी भी हमले के लिए पूरी तरह से खतरनाक बना देता है.
यह भी पढ़ें: इस्लामाबाद के पास पहुंचे 5 लाख से ज्यादा गुस्साए लोग, एक्शन में सेना के जवान, जानें क्या है पूरा मामला
Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube | Instagram