Home International ब्रिटेन-फ्रांस के नेता पहुंचे अमेरिका, ‘ट्रंप’ से किया यूक्रेन का साथ न छोड़ने का आग्रह; बताई खास वजह

ब्रिटेन-फ्रांस के नेता पहुंचे अमेरिका, ‘ट्रंप’ से किया यूक्रेन का साथ न छोड़ने का आग्रह; बताई खास वजह

by Sachin Kumar
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Russo-Ukrainian War france britain america tour

Russo-Ukrainian War : रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने को लेकर डोनाल्ड की तरफ से हरसंभव कोशिश की जा रही है. इसी बीच ब्रिटेन और फ्रांस के नेता अमेरिका की यात्रा पर पहुंचे हैं जहां वह यूक्रेन का पक्ष रखने की कोशिश करेंगे.

Russo-Ukrainian War : रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी में अमेरिका और रूस के विदेश मंत्रियों ने सऊदी अरब में बैठक भी की थी. बताया जा रहा है कि इससे यूरोप तिलमिलाया है क्योंकि वह किसी भी स्तर पर युद्ध को शांत करने के पक्ष में नहीं है. इसी बीच फ्रांस और ब्रिटेन के नेता इस सप्ताह वाशिंगटन का दौरे पर हैं क्योंकि वह राष्ट्रपति ट्रंप को मनाने की कोशिश कर रहे हैं कि रूस के साथ चले रहे तीन साल पुराने युद्ध में शांति समझौते को लेकर यूक्रेन को किसी भी कीमत पर न छोड़ें.

यूक्रेन को किया गया दरकिनार

डोनाल्ड ट्रंप का खुलकर सामना करने से कतराने वाले ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (Keir Starmer) यूरोप और अमेरिका के बीच एक पुल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में दिए ट्रंप के भाषणों की आलोचना की है और उन्होंने आरोप लगाया कि मास्को से बातचीत के दौरान यूक्रेन को दरकिनार किया गया. साथ ही मैक्रों ने ट्रंप को राष्ट्रपति पुतिन के सामने कमजोर दिखने के खिलाफ चेतावनी दी है. इसके अलावा फ्रांस और ब्रिटेन ने जोर दिया है कि यूक्रेन की आवाज और उसकी संप्रभुता बातचीत के केंद्र में होनी चाहिए. यह यात्रा बीते हफ्ते पेरिस में यूरोपीय नेताओं की संकट बैठक के बाद हो रही है जिसमें महाद्वीप के अगले कदमों को लेकर चर्चा हो रही है.

फ्रांस-ब्रिटेन ने नहीं उठाया ठोस कदम

बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भाषण में दावा किया था कि मैक्रों और स्टार्मर ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया था. वहीं, अपनी कूटनीति के दम पर काम करवाने वाले मैक्रों अब ट्रंप को यह विश्वास दिलाने की कोशिश करेंगे कि अमेरिका और यूरोप का एक ही हित है. दूसरी तरफ कीर स्टार्मर अमेरिकी राष्ट्रपति की सीधे तौर पर खुली आलोचना करने से बचते रहे हैं. इसी कड़ी में ब्रिटेन ने इस महीने पेरिस में मैक्रोन द्वारा आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिखर सम्मेलन में एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने में अमेरिका का साथ दिया था. लेकिन ब्रिटेन ने यूक्रेन मामले में समर्थन करने की पुष्टि कर दी थी और ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि जेलेंस्की अपने देश में चुनाव नहीं करवा रहे हैं तो वह तानाशाह प्रवृत्ति के हैं.

यह भी पढ़ें- USAID को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि फैक्ट की हो रही है जांच, जल्द ही सामने आएगा सच

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