Home International हान डक-सू के खिलाफ महाभियोग को कोर्ट ने किया खारिज, एक्शन राष्ट्रपति पद पर किया नियुक्त!

हान डक-सू के खिलाफ महाभियोग को कोर्ट ने किया खारिज, एक्शन राष्ट्रपति पद पर किया नियुक्त!

by Sachin Kumar
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South Korean PM Han Duck-soo court overturns impeachment

South Korean PM Han Duck-soo : पीएम हान डक-सू को देश की कोर्ट ने एक बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने प्रधानमंत्री पर लगाए गए महाभियोग को खारिज कर दिया और उनकी शक्तियों को भी बहाल कर दिया है..

South Korean PM Han Duck-soo : दक्षिण कोरिया में लगातार चल रहे गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री हान डक-सू (PM Han Duck-soo) को बड़ी राहत मिली है. देश की संवैधानिक अदालत ने संसद की तरफ लगाए गए महाभियोग को खारिज कर दिया है और उनकी शक्तियों को फिर बहाल कर दिया है. इसके अलावा हान डक-सू को कार्यवाहक राष्ट्रपति के पद पर एक बार फिर से विराजमान दिया है. इसी बीच कोर्ट ने राष्ट्रपति यून सुक येओल (Eun Suk Yeol) के खिलाफ अभी अलग से महाभियोग चलाने के लिए कोई फैसला नहीं दिया है. गौरतलब है कि येओल पर 3 दिसंबर को देश में मार्शल लॉ लगाने की वजह से संसद में महाभियोग लगा दिया गया और इसके बाद उन्हें सत्ता से बेदखल होना पड़ा था.

हान के बाद यून के फैसला का इंतजार

साउथ कोरिया में राजनीतिक गतिरोध के चलते विपक्षी सांसदों ने दिसंबर के अंत में पीएम हान पर भी विधानसभा में महाभियोग लगा दिया था. इसके बाद उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री का पदभार संभाल रहे चोई सांग मोक ही कार्यवाहक राष्ट्रपति पद पर जिम्मेदारी संभाल रहे थे. संवैधानिक अदालत ने कहा कि उसने हान पर लगे महाभियोग पर भंग कर रहा है. फिलहाल यून सुक येओल पर महाभियोग को लेकर कोई फैसला नहीं सुनाया है. इसी बीच अगर कोर्ट ने येओल पर महाभियोग बरकरार रखता है तो साउथ कोरिया को एक बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराना अनिवार्य हो जाएगा. लेकिन अगर कोर्ट यून के पक्ष फैसला सुना देता है तो उनका राष्ट्रपति पद एक बार फिर बहाल हो जाएगा.

मार्शल लॉ लगाने का लगा गंभीर आरोप

हान से अलग यून को अलग से गिरफ्तार किया गया है और उसकी तरफ से मार्शल लॉ के आदेश की वजह से विद्रोह का आरोप लगाया गया है. अगर वह आरोप सिद्ध हो जाता है तो उसे मृत्युदंड या फिर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. 8 मार्च, 2025 सियोल की जिला अदालत द्वारा हिरासत में लिए बिना आपराधिक मुकदमे का सामना करने की अनुमति दिए जाने के बाद यून को जेल से रिहा कर दिया गया. बीते सर्वेक्षणों से पता चलता है कि दक्षिण कोरिया के अधिकांश लोग यून के मार्शल लॉ अधिनियमन की आलोचना कर रहे थे, लेकिन यून का समर्थन करने वाले या उससे सहानुभूति रखने वालों ने बाद में ताकत हासिल की है.

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