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H-1B Visa पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर पड़े नरम, कहा- दोनों पक्षों को सुनना चाहता हूं

by Live Times
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H-1B Visa : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B Visa के मुद्दे पर सुर नरम किए हैं. ट्रंप ने कहा कि उन्हें इस पर बहस के लिए दोनों पक्ष को सुनना चाहचा हूं.

H-1B Visa : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B Visa के मुद्दे पर सुर नरम किए हैं. ट्रंप ने कहा कि वो इस मुद्दे पर दोनों पक्षों को सुनना चाहेंगे.

H-1B Visa : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B Visa के मुद्दे पर अपने सुर नरम किए हैं. ट्रंप ने कहा कि उन्हें इस पर बहस के दोनों पक्ष पसंद हैं. उन्हें देश में आने वाले बहुत सक्षम लोग पसंद हैं और उन्होंने इसका इस्तेमाल किया है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भले ही इसमें लोगों को प्रशिक्षण देना और उनकी मदद करना शामिल हो, जिनके पास उनके जैसी योग्यता नहीं है.

क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप?

इस मुद्दे पर बात करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैं रुकना नहीं चाहता. मैं सिर्फ इंजीनियरों के बारे में बात नहीं कर रहा हूं, मैं इससे जुड़े सभी स्तरों के लोगों के बारे में बात कर रहा हूं. उन्होंने ये बातें व्हाइट हाउस में ओरेकल सीटीओ लैरी एलिसन, सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोशी सोन और ओपन एआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान की है.

कई सवालों के दिए जवाब

राष्ट्रपति ने अपने समर्थकों के भीतर H-1B वीजा पर चल रही बहस पर सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि सक्षम लोग हमारे देश में आएं और H-1B वीजा कार्यक्रम को अच्छी तरह से जानें. हमें गुणवत्तापूर्ण लोगों को लाना होगा. ऐसा करके हम व्यवसायों का विस्तार कर रहे हैं और इसमें हर किसी का ख्याल रखा जाता है. इसलिए मैं तर्क के दोनों पक्षों में हूं. हमें वास्तव में सक्षम लोगों, महान लोगों को अपने देश में आने देना चाहिए और हम H-1B कार्यक्रम के माध्यम से ऐसा करते हैं.

एलन मस्क ने किया समर्थन

टेस्ला के मालिक एलन मस्क जैसे उनके करीबी विश्वासपात्र H-1B वीजा का समर्थन करते हैं, क्योंकि ये योग्य तकनीकी पेशेवरों को लाता है, उनके कई समर्थक ये तर्क देते हुए इसका विरोध करते हैं कि ये अमेरिकियों से नौकरियां छीनता है. H-1B वीजा से बड़ी संख्या में भारतीयों को लाभ होता है और हर साल सैकड़ों की संख्या में भारतीय अमेरिका में जाते हैं. इस सुविधा का लाभ उठाते हुए भारतीयों ने बड़ी-बड़ी कंपनियों में ऊंचा पद संभाला है. एक फीसदी आबादी करीब छह फीसदी टैक्स भरती है.
अगर राष्ट्रपति इस पर नरमी बरतते हैं तो भारतीयों के लिए ये राहत भरी बात होगी और उनके अमेरिका में रहने और काम करने का सिलसिला जारी रहेगा.

यह भी पढ़ें: ट्रंप के सत्ता संभालते ही मची खलबली! पुतिन ने जिनपिंग को किया वीडियो कॉल; बनाया प्लान

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