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Flight Turbulence: आए दिन क्यों बढ़ रही हैं इन-फ्लाइट टर्बुलेंस की घटनाएं? जानिए वायुमंडल कैसे है जिम्मेदार

by Pooja Attri
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Air Turbulence: वैसे तो विमान उडानों के दौरान इन-फ्लाइट टर्बुलेंस होना बहुत आम बात है जो आमतौर पर ज्यादा खतरनाक नहीं माना जाता. लेकिन अब विमान में हलचल हवाई यात्रियों के लिए चिंता का विषय बन चुका है.

28 May, 2024

What is in Flight Turbulence: आकाश के ऊपरी वातावरण में हलचल हवाई यात्रियों और जानकारों के लिए भारी चिंता का विषय है. ऐसी घटनाओं की तादाद बढ़ रही है. शक है कि ये घटनाएं जलवायु परिवर्तन का असर हैं. रविवार को दोहा से डबलिन जा रहे कतर एयरवेज के विमान को ऐसे ही हलचल का सामना करना पड़ा, जिसमें 12 यात्री घायल हो गए. 24 मई को लंदन से सिंगापुर जा रही सिंगापुर एयरलाइंस को भी गंभीर हलचल का सामना करना पड़ा. इससे एक यात्री की मौत हो गई और दर्जनों गंभीर रूप से घायल हो गए. जानकार हलचल की घटनाओं का रिश्ता बढ़ते ग्लोबल टेम्परेचर को बता रहे हैं. उनका कहना है कि गर्म हवा से वायुमंडल में ज्यादा हलचल होती है.

क्यों बढ़ रही हैं विमान घटनाएं

मीटियोरोलॉजी एंड क्लाइमेट चेंज, स्काईमेट वेदर सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट महेश पलाव का कहना है कि ‘जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हवा में बार-बार हलचल हो रही है. हलचल की तीव्रता भी बढ़ रही है, क्योंकि हवा का तापमान बढ़ रहा है. आने वाले पांच-छह सालों में हलचल 20-30 फीसदी और बढ़ सकती है, जो बेहद खतरनाक है. ये एक ऐसी समस्या है जिसे सीधी आंखों से नहीं पहचाना जा सकता. डॉप्लर रडार भी इसका पता नहीं लगा पा रहे हैं. हमें इसका पता लगाने और इससे निपटने के तरीके खोजने होंगे.’

विमानन उद्योग कर रहे नई चुनौतियों का करना

साफ हवा में हलचल बिना बादलों के होती है. ये घटना अचानक होती है. इस खतरे को पहचानने और इससे निपटने के लिए उन्नत तरीकों की जरूरत है. जलवायु परिवर्तन का असर पूरी दुनिया के मौसम पर पड़ रहा है. विमानन उद्योग को भी नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा के लिए नई टेक्नोलॉजी और बेहतर ट्रेनिंग की जरूरत है.

जमशेदपुर में घटी थी ऐसी विमान घटना

सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन एविएशन के जानकार और संस्थापक कैप्टन अमित सिंह ने बताया, ‘भारत में भी जमशेदपुर के आसपास घटनाएं हुई हैं. करीब दो साल पहले स्पाइस जेट विमान को भी हवा में हलचल का सामना करना पड़ा था, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी. ये एक हादसा था. खराब मौसम रडार की वजह से पायलट मौसम का पता नहीं लगा पाए, इसलिए उन्होंने तूफान में उड़ान भरी. दुनिया भर में ऐसे तूफान आते हैं. ट्रेंड चालक दल, बेहतर ट्रेनिंग और रखरखाव से लेकर आधुनिक फिटिंग से ऐसे हादसे रोके जा सकते हैं.’

फ्लाइट टर्बुलेंस की घटनाएं बढ़ने की आशंका

जानकारों का अनुमान है कि जलवायु में बदलाव के साथ आकाश में हलचल की घटनाएं और बढ़ेंगी. इस समस्या को दूर करने के लिए नए शोध और उन्नत सुरक्षा उपायों की इतनी जरूरत कभी महसूस नहीं हुई. विमानन समुदाय को इन चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करना होगा, ताकि आसमान में चालक दल और यात्री सुरक्षित रहें.

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