Home Health World Food Safety Day 2024: WHO ने बताए खाने को वायरस और बैक्टीरिया फ्री बनाए रखने के 5 तरीके

World Food Safety Day 2024: WHO ने बताए खाने को वायरस और बैक्टीरिया फ्री बनाए रखने के 5 तरीके

by Pooja Attri
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WHO Food Safety Tips: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वीडियो के जरिए खाने को अधिक से अधिक पौष्टिक और सेहतमंद बनाए रखने के कुछ टिप्स शेयर किए. साथ ही ये भी बताया कि कौन-से वायरस और बैक्टीरिया है ज्यादा हानिकारक.

7 June, 2024

World Health Organization Food Safety Tips: विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोविड 19 वायरस से बचने के लिए हर तरह जागरुकता फैलाने की कोशिश की जा रही है. इसी के चलते वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने खाने को हेल्दी बनाए रखने के 5 तरीके बताएं हैं जिनको WHO’s Five Keys To Safer Food का नाम दिया है. चलिए जानते हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा खाने को स्वच्छ रखने के 5 तरीके.

कौन से वायरस और बैक्टीरिया होते हैं हार्मफुल

विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा एक वीडियो के जरिए विश्व के लोगों को बताया है कि कैसे वो फ्रिज में रखे खाने को वायरस और बैक्टीरिया से बचाकर रख सकते हैं. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि कौन से वायरस और बैक्टीरिया अधिक हार्मफुल होते हैं. डब्लूएचओ की वीडियो में बताया गया है कि फ्रिज या घर की बाकी जगहों पर रखे खाने में मुख्य रूप से 3 तरह के माइक्रोऑर्गेनिज़म पाए जाते हैं. इनमें वायरस, फंगस और बैक्टीरिया शामिल हैं.

खाने में होते हैं 3 माइक्रोऑर्गेनिज़म

इसमें पहले नंबर पर खाने में वे माइक्रोऑर्गेनिज़म पाए जाते हैं जिससे खाना हेल्दी और टेस्टी बनता है जैसे दही जमाने वाले गुड बैक्टीरिया. दूसरे वो माइक्रोऑर्गेनिज़म होते हैं जिससे खाने का स्वाद पूरी तरह से खराब हो जाता है और बदबू आने लगती है. तीसरे वो माइक्रोऑर्गेनिज़म पाए जाते हैं जिनके टेस्ट और स्मेल का कुछ पता नहीं चल पाता है.

सबसे खतरनाक माइक्रोऑर्गेनिज़म

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, तीसरे नंबर के माइक्रोऑर्गेनिज़म सेहत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. वहीं दूसरे नंबर के माइक्रोऑर्गेनिज़म की खाने में मौजूदगी का खाने की स्मेल से आसानी से पता चल जाता है. इससे खाने का टेस्ट पूरी तरह से बदल जाता है. इसके अलावा तीसरे नंबर के माइक्रोऑर्गेनिज़म की उपस्थिति का पता लगाना मुश्किल होता है इसलिए हम खाना बनाकर खा लेते हैं. आमतौर पर ये माइक्रोऑर्गेनिज़म मांसाहारी आहार में सबसे ज्यादा पाए जाते हैं.

होती हैं ये समस्याएं

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, तीसरे नंबर के माइक्रोऑर्गेनिज़म को पैथोजेनिक माइक्रोऑर्गेनिज़म के नाम से जाना जाता है. अगर कोई इंसान पैथोजेनिक माइक्रोऑर्गेनिज़म की चपेट में आए खाने का सेवन कर लेता है तो उसको, लूज मोशन, पेट दर्द, उल्टियां, बुखार और डायरिया जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. कई बार तो ऐसे भोजन को खाने से इंसान की मौत तक हो जाती है. दरअसल, पैथोजेनिक माइक्रोऑर्गेनिज़म शरीर में जाते ही बहुत तेजी से फैलने लगते हैं जिससे प्रमुख अंग इसकी चपेट में आ जाते हैं. हालांकि, पैथोजेनिक माइक्रोऑर्गेनिज़म घातक हैं, लेकिन इनसे बचाव हो सकता है.

हेल्दी फूड के 5 मंत्र

खाने की किसी भी चीज को छूने से पहले अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से वॉश करें.
फ्रिज में खाने को स्टोर करते वक्त पके और कच्चे फूड को अलग-अलग रखें.
खाने को अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं. कच्चा या अधपका खाने से बचें.
फ्रिज में खाने को सही तापमान पर स्टोर करें.
खाना बनाते समय हमेशा साफ पानी का ही इस्तेमाल करें.

यह भी पढ़ें: दुनिया में 82 करोड़ लोग सोते हैं भूखे, विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर समझिए खाद्यान संकट की हकीकत

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