World Thalassemia Day 2024: थैलेसीमिया (Thalassemia) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बुधवार को मनाए गए वर्ल्ड थैलेसीमिया डे के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी में वॉकथॉन किया गया.
09 May,2024
World Thalassemia Day 2024: थैलेसीमिया (Thalassemia) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बुधवार को मनाए गए वर्ल्ड थैलेसीमिया डे के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी में वॉकथॉन किया गया. दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल ने थैलेसीमिया इंडिया और इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की मदद से ये आयोजन की गई. थैलेसीमिया एक पीढ़ी से दूसरी में जाने वाली बीमारी है. इसकी वजह से शरीर में हीमोग्लोबिन कम बनने से बच्चों में खून की कमी हो जाती है. आयोजकों के मुताबिक करीब चार फीसदी भारतीय आबादी में पीढ़ियों से चली आ रही हैं. यह बीमारी पेरेंट्स से बच्चों तक पहुंचती है. चलिए जानते हैं इसके लक्षण.
World Thalassemia Day 2024: थैलेसीमिया के लक्षण
सर्दी- जुकाम बने रहना
सांस लेने में तकलीफ
कई तरह के संक्रमण होना
कमजोरी और उदासी बने रहना
शरीर में पीलापन बने रहना
दांत बाहर की ओर निकल आना
आयु के अनुसार शारीरिक विकास ना होना
World Thalassemia Day 2024: विश्व थैलेसीमिया दिवस का इतिहास
साल 1994 में अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी, थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन टीआईएफ (TIF) द्वारा की गई थी. जॉर्ज एंगलजोस इस थैलेसीमिया अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन के अध्यक्ष और संस्थापक के रूप में काम किया करते थे. टीआईएफ, (TIF) एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है, जिसकी स्थापना साल 1986 में पैनोस एंगेल्स ने अपने बेटे जॉर्ज और अन्य थैलेसीमिया मरीजों की याद में की थी, जिन्होंने इस बीमारी से लड़ाई लड़ी थी.
World Thalassemia Day 2024: पीढ़ियों के साथ बढ़ती रहती है बीमारी
थैलेसीमिया एक पीढ़ी से दूसरी में जाने वाली बीमारी है. इसकी वजह से शरीर में हीमोग्लोबिन कम बनने से बच्चों में खून की कमी हो जाती है. आयोजकों के मुताबिक करीब 4 प्रतिशत भारतीय आबादी में पीढ़ियों से चली आ रही बीमारियां होती हैं. थैलेसीमिक इंडिया के अध्यक्ष दीपक चोपड़ा का बच्चा भी इस बीमारी से पीड़ित है. उन्होंने अपना दर्द साझा किया. लोगों में जागरूकता बढ़ने और जांच के बेहतर इंतजामों की वजह से अब इस बीमारी की रोकथाम होने लगी है.
यह भी पढ़ें : Google Wallet हुआ भारत में लॉन्च, मिलेगी कौन-कौन सी सुविधा; नोट कर लें पूरी डिटेल्स