3 January 2024
सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी समूह को बड़ी राहत दे दी है। कोर्ट ने समूह द्वारा शेयर मूल्य में हेराफेरी किए जाने के आरोपों की जांच एसआईटी या सीबीआई से कराने को इनकार कर दिया हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि कि सेबी इसकी सही जांच कर रही है। कोर्ट ने सेबी को दो लंबित जांच मे तेजी लाने और प्राथमिकता के साथ तीन महीने के अंदर इसकी करने के भी निर्देश दिए है।
आदालत ने ओसीसीआरपी पर याचिकाकर्ता की तरफ से पेश उस रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया, जिसमें सेबी को जांच के प्रति उदासीन बताया गया था। कोर्ट ने कहा कि अदालत को सेबी की नियामक नीतियों में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए और जांच का जिम्मा किसी और को सौंपे जाने की जरूरत नहीं है। अदालत ने कहा कि सेबी ने अडाणी समूह पर आरोपों से जुड़े 24 में से 22 मामलों में अपनी जांच पूरी कर ली है।
पीठ ने अपने आदेश में क्या कहा?
- सेबी की तरफ से सॉलीसिटर जनरल ने जो आश्वासन दिया, मनें उस पर गौर किया।
- कोर्ट ने सेबी को दो लंबित जांच तेजी से पूरी करने के निर्देश दिए।
- सेबी को 3 महीने में पूरी करनी होगी जांच।
- कोर्ट ने ओसीसीआरपी पर याचिकाकर्ता की पेश की हुई रिपोर्ट खारिज की।
- किसी तीसरे पक्ष के संगठन के आरोपों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने की किसी भी कोशिश के बिना उसे निर्णायक प्रमाण नहीं माना जा सकता।
- मामले के तथ्यों को देखकर ऐसा नहीं लगता कि जांच को सेबी से लेकर किसी और को सौंपा जाए।
- किसी उपयुक्त मामले में अदालत के पास किसी अधिकृत एजेंसी की तरफ से की जा रही जांच को विशेष जांच दल को या सीबीआई को सौंपने का अधिकार है। इस प्रकार की शक्तियों का इस्तेमाल अभूतपूर्व परिस्थितियों में किया जाता है।
- हितों के टकराव का आरोप निराधार है इसे खारिज किया जाता है।
- केंद्र और सेबी रचनात्मक रूप से विशेषज्ञ समिति के सुझावों पर विचार करें, उसकी रिपोर्ट का अध्ययन करें।
- नियामक ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र और सेबी जरूरी कदम उठाएं।
अदालत के फैसले पर गौतम अडाणी ने क्या कहा?
- इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अडाणी ने कहा ‘सत्यमेव जयते’।
- उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कि जिसमें कहा गया ‘‘माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला दिखाता है कि सत्यमेव जयते।’’
- अडाणी ने लिखा, ‘‘मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े हैं।’’
आपको बता दें कि अडाणी समूह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि वो सभी कानूनों का पालन करता है।