Waqf Act: निशिकांत दुबे अपने बयानों को लेकर पहले भी चर्चा में रहे हैं. हाल ही में उन्होंने एनआरसी और मुसलमानों को लेकर विवादास्पद बयान दिया था.
Waqf Act: वक्फ कानून को लेकर देशभर में चर्चाओं का दौर चल रहा है. कहीं इसको लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं तो कहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जो सुनवाई के बाद फैसला सुनाया थो उसको लेकर बात हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इस कानून पर जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया है. शनिवार को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर संसद की संप्रभुता को कमजोर करने और अपनी सीमा से बाहर जाकर कानून बनाने का गंभीर आरोप लगाया. दुबे ने देश में धार्मिक युद्धों को भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि, “अगर सुप्रीम कोर्ट को ही कानून बनाना है, तो संसद और विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए.”
क्या कहा निशिकांत दुबे ने?
निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है. अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है, तो संसद और विधानसभा का कोई मतलब नहीं है. आप कैसे उस अथॉरिटी को निर्देशित कर सकते हैं जिसने आपको ही अपॉइंट किया है.राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश को नियुक्त करते हैं. संसद इस देश का कानून बनाती है. आपने नया कानून कैसे बनाया? इसके अलावा निशिकांत दुबे ने ये भी पूछा कि आखिर किस कानून के तहत ये लिखा गया है कि राष्ट्रपति को 3 महीने के भीतर आवश्यक रूप से कोई फैसला करना है?
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश बने चर्चा का विषय
गौर करने वाली बात है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कई ऐसे फैसले सुनाए गए हैं जिनको लेकर विवाद छिड़ा है. जैसे हाल ही में 8 अप्रैल 2025 को तमिलनाडु बनाम राज्यपाल केस में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति साफ तौर पर ये निर्देश दिए थे कि उन्हें राज्यपालों द्वारा भेजे गए विधेयकों पर 3 महीने के अंदर ही फैसला लेना होगा. कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि द्वारा विधेयकों पर देरी को असंवैधानिक ठहराया था. इसके साथ ही जिस मामले को लेकर सबसे ज्यादा बवाल छिड़ा हुआ है, 15 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश जारी किया और केंद्र सरकार को इस कानून के कुछ प्रावधानों पर नोटिस भी जारी किया था. यह कानून संसद द्वारा पारित किया गया था, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता में सुधार करना था.
विवादों में रहे हैं निशिकांत दुबे
निशिकांत दुबे अपने बयानों को लेकर पहले भी चर्चा में रहे हैं. हाल ही में उन्होंने एनआरसी और मुसलमानों को लेकर विवादास्पद बयान दिया था. इसके अलावा, उन्होंने अमेरिकी सहायता को लेकर विपक्ष पर देश को तोड़ने का आरोप लगाया था. उनके इन बयानों पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई थी और माफी की मांग की थी. निशिकांत दुबे के इस बयान ने एक बार फिर न्यायपालिका और विधायिका के बीच टकराव की स्थिति को उजागर किया है. सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसलों और इन पर उठ रहे सवालों ने राजनीतिक गलियारों में बहस छेड़ दी है. अब देखना होगा कि संसद में इस मुद्दे पर क्या चर्चा होती है और इसका समाधान कैसे निकलता है.
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