Home National 2500 और यूनिवर्सिटी की जरूरत, नीति आयोग बोला- 50 प्रतिशत छात्रों को करना है शामिल

2500 और यूनिवर्सिटी की जरूरत, नीति आयोग बोला- 50 प्रतिशत छात्रों को करना है शामिल

by Sachin Kumar
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BVR Subramanyam India still needs 2500 more universities

NITI Aayog : नीति आयोग के सीईओ ने देश की शिक्षा प्रणाली को लेकर गंभीर बात कही है. उन्होंने कहा कि अभी हमें 50 प्रतिशत स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी में लाने के लिए देश में विश्वविद्यालयों की संख्या को दोगुनी करनी होगी.

NITI Aayog : नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि यूनिवर्सिटी में 50 प्रतिशत स्टूडेंट्स को लाने के लिए देश में विश्वविद्यालयों की संख्या दोगुनी करके करीब 2500 करनी होगी. इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) में सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा कि यह सच्चाई है कि पिछले 10 सालों में हर हफ्ते एक यूनिवर्सिटी और दो कॉलेज खोले गए हैं, लेकिन इसमें कमी यह है कि 29 प्रतिशत लोग ही विश्वविद्यालय में दाखिल ले पाते हैं. दरअसल, हमें 50 फीसदी छात्रों को एडमिशन दिलाने के लिए अभी यूनिवर्सिटी की संख्या दोगुनी करे 2500 तक पहुंचानी होगी.

देश की 1200 यूनिवर्सिटी में 4 करोड़ स्टूडेंट्स

बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि अभी भी कई यूनिवर्सिटी मानक के मुताबिक नहीं है और हमको उन नंबरों की जरूरत जिससे विकसित भारत का सपना पूरा हो सका. इसलिए वर्तमान में हमें शिक्षा को अलग तरीके से देखने की जरूरत है. CEO ने आगे कहा कि आज हमारे पास 1200 यूनिवर्सिटी हैं और 4 करोड़ से ज्यादा छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रही हैं, लेकिन इसमें सिर्फ 29 प्रतिशत स्टूडेंट्स ही विश्वविद्यालय में दाखिला ले पाए हैं. इसके अलाावा सुब्रह्मण्यम ने यह भी कहा कि विशाल डिजिटल बुनियादी ढांचे के साथ भारत एक प्रयोगशाला बन गया है जहां पर कोई भी बड़े पैमाने पर रिसर्च कर सकता है.

डिजिटल दुनिया का एक प्रयोगशाला बना

वहीं, सीईओ ने बताया कि भारत ने निजी के बजाय सार्वजनिक मार्ग अपनाकर डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर नाम की एक वास्तुकला बनाई है. अधिकारी ने आगे कहा कि एस्टोनिया दो मिलियन की आबादी वाला पहला देश था जिसने अपनी पूरी तरह से डिजिटल पहचान अपनाने का काम किया है. हालांकि भारत ने भी काफी हद तक काम किया और हर किसी के पास डिजिटल पहचान है. उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल दुनिया में एक बड़ी प्रयोगशाला बन गया है. अमेरिका को छोड़ दें तो भारत एक ऐसी प्रयोगशाला बन गया है जहां पर हर प्रकार का प्रयोग किया जा सकता है और यह कहीं भी असंभव नहीं है.

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