Census of India : देश में 2011 के बाद जनगणना कराने की बात कही जाने लगी है. एनपीआर में विभिन्न प्रकार के 31 सवाल परिवार से पूछे जाएंगे और इसी आधार पर योजनाएं बनाई जाएंगी.
29 October, 2024
Census of India : देश में 2011 के बाद राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण (एनपीआर) अपडेट करने का काम 2025 की शुरूआत में प्रारंभ करने की संभावना जताई गई है. इसी बीच महापंजीयक और जनगणना आयुक्त कार्यालय ने जनगणना के दौरान लोगों से पूछे जाने वाले 31 सवालों की लिस्ट तैयार कर ली है. इसमें सबसे अहम सवाल यह बताया जा रहा है कि क्या परिवार का मुखिया अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से संबंधित है और क्या परिवार के अन्य सदस्य भी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित हैं.
विपक्ष ने किया जाति जनगणना का समर्थन
विपक्षी दल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) उन राजनीतिक दलों में शामिल है जो लगातार जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं ताकि में देश में एससी, एसटी समेत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की कुल आबादी के बारे में आंकड़े जुटाकर सामाजिक न्याय दिलाया जा सके. वहीं, सूत्रों ने कहा कि अब यह देखना होगा कि केंद्र सरकार आंकड़े जुटाने के बाद 2026 में होने वाली परिसीमन को भी लागू कर पाएगी. बताया जा रहा है कि जनगणना के दौरान परिवारों से पूछे जाने वाले 31 सवालों में व्यक्तियों की कुल संख्या, परिवार की मुख्य महिला है या नहीं, परिवार के पास घर में कितने कमरे हैं, परिवार में रहने वाले विवाहित जोड़ो की संख्या शामिल है.
विभिन्न प्रकार के पूछे जाएंगे सवाल
इसके अलावा प्रश्नों में क्या परिवार के पास टेलीफोन, इंटरनेट कनेक्शन, मोबाइल या स्मार्टफोन, साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार या अन्य वाहन घर में है. साथ ही परिवार में रोजमर्रा जिंदगी कैसी है? आपको बताते चलें कि अंग्रजों के समय से हर 10 साल में एक बार देश में जनगणना कराई जाती रही है और यह आजादी के बाद भी लागू रहा. देश में आखिरी बार साल 2011 में जनगणना कराई गई थी लेकिन 13 साल बीत गए हैं अभी तक जनगणना नहीं कराई गई है. कोविड-19 महामारी के कारण साल 2021 में जनगणना से संबंधित कोई काम नहीं हो सका, साथ ही इस कार्य के बारे में अभी तक कोई औपचारिक घोषणा भी नहीं हुई है.
जनगणना का बदल सकता है चक्र
वहीं, सू्त्रों ने बताया कि जनगणना और एनपीआर का काम आगामी वर्ष में शुरू होने की संभावना है और जनगणना के आंकड़े 2026 तक सार्वजनिक कर दिए जाएंगे. इसके साथ ही जनगणना चक्र में भी बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है. इसलिए काफी हद माना जा रहा है कि अगर 2025 में जनगणना के आंकड़ें जारी किए जाते हैं तो यह 2025-2035 और फिर 2035-2045 के क्रम में भविष्य में आगे बढ़ाएंगे. ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि देश में जनगणना 10 वर्षों के लिए कराई जाती है और अगर जनगणना के आंकड़े 2025 में जारी किए जाते हैं तो यह अगले 10 साल के लिए प्रासंगिक होंगे.
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