Home Latest महाराष्ट्र-झारखंड में दिखा हरियाणा की हार का असर, जानें क्यों इतनी सीटों पर लड़ने के लिए मजबूर हुई कांग्रेस

महाराष्ट्र-झारखंड में दिखा हरियाणा की हार का असर, जानें क्यों इतनी सीटों पर लड़ने के लिए मजबूर हुई कांग्रेस

by Sachin Kumar
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Congress gets a shock defeat in Haryana

Assembly Election 2024: हरियाणा में हार के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले MVA में सीट बंटवारे के बाद कांग्रेस 110 से भी कम सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना है.

27 October, 2024

Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में जहां एक तरफ कहा जा रहा था कि कांग्रेस आसानी से सत्ता में आ सकती है. लेकिन वह एक बार फिर सत्ता से पांच सालों के लिए दूर हो गई है और भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार राज्य में अपना दबदबा बना लिया है. इसी बीच कहा जा रहा है कि हरियाणा की हार से कांग्रेस को अन्य राज्यों में भी झटका लगा है. कांग्रेस ने I.N.D.I.A. ब्लॉक के भीतर सौदेबाजी करने की क्षमता खो दी है. साथ ही झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के इतिहास में सबसे कम सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना है.

सबसे कम सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस

288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी 110 से कम सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद है. वहीं, साल 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 147 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और 44 सीटें जीती थीं. दूसरी तरफ अविभाजित शिवसेना ने 126 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 56 सीटों पर जीत दर्ज की थी और अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 121 सीटों पर किस्मत आजमाई और 54 सीटों पर जीत का परचम लहराने का काम किया. पिछले विधानसभा चुनाव में सबसे शानदार प्रदर्शन भारतीय जनता पार्टी का रहा था उसने 164 सीटों पर चुनाव लड़ा और 105 सीटें जीती थीं.

मुंबई में भी सहयोगी पार्टियों को सीट देने पर मजबूर

एक समय था जब मुंबई कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी लेकिन कांग्रेस को इस बार शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरत चंद्र) को बड़ा हिस्सा के लिए मजूबर हो है. सीट बंटवारे के बाद 36 सीटों में से 10 शिवसेना के पास जा चुकी हैं इससे स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता खासे नाराज हैं और पार्टी के भीतर विद्रोह छिड़ चुका है. इसी तरह झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. हालांकि अभी तक इसके बारे में आधिकारिक खबर सामने नहीं आई है. लेकिन सूत्रों ने संकेत दिया है कि जेएमएम को सीट बंटवारे के दौरान अधिक लाभ मिल सकता है.

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