Congress: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ऐसा बयान दे दिया है, जिससे कांग्रेस शासित सरकारों के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई है.
Congress: देश में एक बार फिर से चुनावी वादों यानी रेवड़ियां बांटने को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ऐसा बयान दे दिया है, जिससे कांग्रेस शासित सरकारों के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई है. इस पूरे मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कांग्रेस पार्टी पर तंज कसा है. पूरा मामला क्या है, आपको विस्तार से बताते हैं.
Congress पर झूठे वादे करने का आरोप
दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बेंगलुरु में 31 अक्टूबर को एक कार्यक्रम में बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ वही वादे करने चाहिए, जो पूरे किए जा सके.
उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर यह वादे पूरे नहीं हुए, तो आने वाली पीढ़ी के पास बदनामी के अलावा कुछ नहीं बचेगा. इस बयान को हिमाचल प्रदेश की मौजूदा आर्थिक स्थिति से जोड़कर देखा गया.
इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कटाक्ष किया. उन्होंने शुक्रवार (1 अक्टूबर) को अपने X हैंडल पर पोस्ट कर लिखा कि कांग्रेस पार्टी को यह बात अब समझ में आ रही.
उन्होंने आरोप लगाया कि झूठे वादे करना तो आसान है, लेकिन उन्हें सही तरीके से लागू करना बेहद मुश्किल है.
उन्होंने अगले पोस्ट में कहा कि आज कांग्रेस की सरकार वाले किसी भी राज्य (हिमाचल, कर्नाटक और तेलंगाना) में विकास की गति और वित्तीय स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.
उन्होंने यहां तक कहा कि उनकी कई गारंटियां अधूरी हैं, जो इन राज्य के लोगों के साथ एक बड़ा धोखा है.
2022 में Congress ने किए थे 10 वादे
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में साल 2022 में विधानसभा के चुनाव हुए थे. इन चुनावों को जीतने के लिए तमाम राजनीतिक दलों की ओर से कई वादे किए गए थे.
इसी क्रम में कांग्रेस के नेताओं ने भी 10 वादे कर दिए थे. इसमें पुरानी पेंशन की बहाली, युवाओं के लिए 5 लाख रोजगार, महिलाओं के लिए हर महीने 1500 रुपये, 300 यूनिट बिजली फ्री, किसानों को फल की कीमत तय करने की आजादी जैसे वादे शामिल थे.
इसके अलावा युवाओं के लिए 680 करोड़ का स्टार्ट-अप फंड, हर विधानसभा क्षेत्र में 4 अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलना, मोबाइल क्लीनिक से हर गांव में मुफ्त इलाज, पशुपालकों से हर दिन 10 लीटर दूध की खरीदी और 2 रुपये में गोबर खरीदी जैसे वादे किए थे.
10 गारंटियां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा ने प्रदेश की जनसभाओं में लोगों को पूरे विश्वास के साथ दी थी. कांग्रेस चुनाव जीत गई और हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में नई सरकार बनी.
यह भी पढ़ें: Jammu-Kashmir: घाटी में आतंकियों की कायराना हरकत, दो गैर कश्मीरियों को बनाया निशाना
Congress पर तेलंगाना-कर्नाटक में भी लगे आरोप
हिमाचल में BJP को हराकर सत्ता में बैठी कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई राज्य की आर्थिक स्थिति. राज्य की आर्थिक स्थिति देखते हुए राज्य सरकारों के कर्मचारियों को पेंशन देना भी मुश्किल हो गया.
वहीं, चुनावी वादों पर भी कांग्रेस की सरकार को युवाओं को रोजगार की गारंटी पर भी टालमटोल का रूख अपनाना पड़ा. पहाड़ी राज्य में इस समय 87 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है.
तेलंगाना में भी विपक्षी दलों ने कांग्रेस की सरकार को आर्थिक गिरावट का जिम्मेदार बताया है. कर्नाटक में भी कांग्रेस की सरकार को कुछ इसी तरह के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है.
कर्नाटक सरकार की ओर से जून में ही ईंधन पर बिक्री कर बढ़ा दिया था. कर्नाटक में परिवहन कर्मचारियों के खाते में वेतन नहीं पहुंचने का भी आरोप कांग्रेस की सरकार पर लगा था.
बता दें कि मल्लिकार्जुन खरगे की नसीहत से कांग्रेस सरकारों के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई है और इस पर सियासी सरगर्मी भी बढ़ गई है.
यह भी पढ़ें: Ayodhya Diwali 2024: अयोध्या की दीवाली देख अभिभूत हुए पीएम मोदी, कही बड़ी बात