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1984 Anti Sikh Riots: कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर फिर मुश्किल में, 3 लोगों की हत्या का लगा आरोप

by Sachin Kumar
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court hear case against Congress leader Jagdish Tytler accused of Sikh riots

Jagdish Tytler Case : सिख दंगे के दौरान दिल्ली के पुल बंगश इलाके में तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी, जिसका आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को बनाया गया है.

05 November, 2024

Jagdish Tytler Case : 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के दौरान दिल्ली के पुल बंगश में तीन लोगों की हत्या मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ 12 नवंबर को दलीलें सुन सकती है. विशेष न्यायाधीश जितेंद्र सिंह को मंगलवार को सुनवाई करनी थी लेकिन आरोपी के वकील के अस्वस्थ होने की सूचना मिलने के बाद सुनवाई को टाल दिया गया. विशेष न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी के वकील ने दलील दी है कि उनके पति की तबीयत खराब है, इसलिए उन्होंने थोड़े समय के लिए स्थगन का अनुरोध किया है. दूसरी तरफ शिकायतकर्ता के वकील ने स्थगन का विरोध किया है.

कई धाराओं में हुए आरोप तय

जज ने कहा कि न्याय के हित में आरोपी के वकीस उसकी व्यक्तिगत कठिनाई की वजह से एक अवसर दिया जाता है. हालांकि वकील को अगली सुनवाई की तारीख से पहले उनकी हेल्थ से रिलेटेड डॉक्यूमेंट्स को जमा करना होगा. साथ ही इसके बाद स्थगन नहीं किया जाएगा. वहीं, अदालत ने 30 अगस्त को इस मामले के संबंध में आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 109 (उकसाना), 147 (दंगा), 153 ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 143 (अवैध रूप से एकत्र होना) के तहत जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने आदेश दिया था, इस दौरान कहा गया कि आरोपी के खिलाफ सुनवाई के लिए पर्याप्त सबूत हैं.

भीड़ उकसाने के बाद जलाया गुरुद्वारा

सीबीआई ने 20 मई, 2023 को मामले में टाइटलर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. इसमें आरोप लगाया गया कि 1 नवंबर, 1984 को पुल बंगश गुरुद्वारा आजाद मार्केट में ‘भीड़’ को पहले उकसाया और जमकर भड़काया, जिसके बाद ही गुरुद्वारा जला दिया गया और तीन सिखों ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह की हत्या कर दी गई. सीबीआई ने आरोप में कहा कि पुल बंगश गुरुद्वारा के सामने जगदीश टाइटलर एक एंबेसडर गाड़ी से उतरे और उसके बाद उन्होंने भीड़ को उकसाया जहां उन्होंने कहा कि सिखों को मार डालो, उन्होंने हमारी मां को मार है. बता दें कि 31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद ही देश के विभिन्न हिस्सों में सिखों के खिलाफ दंगे भड़क उठे थे.

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