Kamakhya India: सूरत के एक मॉल में सामाजिक संगठन कामाख्या इंडिया ने नेटरी पैड का उपयोग करके विश्व की सबसे बड़ी मोजैक इमेज बनाई है जिसके चलते इस सामाजिक संगठन को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह मिली.
03 June, 2024
World Largest Mosaic: गुजरात के सामाजिक संगठन कामाख्या इंडिया ने सूरत के एक मॉल में सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करके दुनिया की सबसे बड़ी मोजैक इमेज बनाई है. ये संगठन महिलाओं के लिए सुरक्षित और स्वच्छ पर्यावरण के अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए काम करता है. मॉल में 200 वर्ग मीटर के एरिया में बनाए गए इस मोजैक में करीब 18,400 सेनेटरी पैड का इस्तेमाल किया गया और इस पर कामाख्या इंडिया का लोगो भी डिजाइन किया गया. सामाजिक संगठन के इस काम को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह मिली है.
सेनेटरी पैड मोजैक की गाइडलाइंस
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अधिकारी स्वप्निल डांगरेकर ने कहा, ‘ये सबसे बड़े सेनेटरी पैड मोजैक लोगो का एक प्रयास था. हमने यह नई कैटेगरी बनाई थी और हमने 50 वर्ग मीटर की मिनीमम जरूरत तय की थी. गाइडलाइंस में कहा गया था कि ये पूरी तरह से सेनेटरी पैड से बना होना चाहिए और हमने जांच की है ये पूरी तरह से सेनेटरी पैड से बना है. ये लोगो उस लोगो के समान है जो उन्होंने हमें सौंपा है और ये वास्तव में 50 वर्ग मीटर से ज्यादा है. ये 169.97 वर्ग मीटर है, इसलिए ये न्यूनतम जरूरत से कहीं ज्यादा है और इसने हमारी तरफ से निर्धारित हर गाइडलाइंस को पार कर लिया है.’
क्या है इस संगठन का मकसद
मोजैक का मकसद पीरियड को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ाना है ताकि फीमेल इसे छिपाए नहीं, बल्कि स्वच्छता के बारे में ध्यान रखें. कामाख्या इंडिया की सह-संस्थापक नंदिनी सुल्तानिया ने बताया, ‘हमने 18,400 पैड से कामाख्या इंडिया का लोगो बनाया है इसका मुख्य मकसद है पीरियड की बात को इतना नॉर्मल करना, जैसे अगर लड़कों की दाढ़ी मूछ आती है तो वो कैसे एकदम नॉर्मल तरीके से बात करते हैं वैसे ही हमारा है कि कोई भी लड़की अगर मासिक में होगी तो वैसे ही नॉर्मल करना ना फुसफुसाहने की जरूरत हो और ना चिल्लाने की बिल्कुल नॉर्मल बात हो और लोगों में जागरुकता आए.’
कई इलाकों और गांवों में बांटे जाएंगे पैड
कामाख्या इंडिया की एक और सह-संस्थापक अंजना पटोदी के अनुसार, ‘आज का हमारा ये इवेंट करने का सबसे बड़ा कारण था. वीआर मॉल में ये ऐसी जगह है कि जहां पर 20 से 30 हजार लोग दो दिन में कम से कम विजिट करेंगे, तो इतने लोगों में एक साथ अवेयरनेस लाना हमारा मेन मकसद था कि लोगों में एक ये क्यूरोसिटी होती है कि क्यों हो रहा है क्या हो रहा है फिर हम हर जन को ये समझा रहे हैं कि हमने ये क्यों किया और क्यों कर रहे हैं तो बहुत बड़ी संख्या में लोगों में अवेयरनेस आ रही है.’ कामाख्या इंडिया के मुताबिक, मोजैक में इस्तेमाल किए जाने वाले सेनेटरी पैड संगठन की ओर से अलग-अलग जनजातीय इलाकों और गांवों में बांटे जाएंगे.
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